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कोविड सेंटर की बजाय होम क्वारेंटाइन की जिद है अपराध, हाईकोर्ट का जमानत देने से इंकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद कोविड सेंटर में भर्ती होने के बजायवहां से भागना व होम क्वारेंटाइन के लिए जोर देना अपराध के दायरे में आता है। यह बात कहते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद कोविड सेंटर से भागने वाले आरोपी गणेश चिवाटे को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353,269,212,188,143, के अलावा महामारी अधिनियम की धारा 2,3,4 तथा आपदा प्रबंधन कानून के तहत 21 मार्च 2021 को आपराधिक मामला दर्ज किया था। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। न्यायमूर्ति सुरेंद्र तावड़े के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि सोलापुर के जिलाधिकारी के आदेश के तहत आरोपी के गांव में कोविड की जांच चल रही थी। जांच के दौरान आरोपी को कोरोना संक्रमित पाया गया। डॉक्टरों ने आरोपी को सरकारी एम्बुलेंस से कोविड सेंटर में भर्ती होने को कहा किन्तु आरोपी ने कहा कि वह निजी वाहन में कोविड सेंटर खुद जाएगा। लेकिन कोविड सेंटर पहुचने के बाद आरोपी ने कोविड सेंटर में भर्ती होने की बजाय होम क्वारनटाइन होने पर जोर देने लगा पर डॉक्टरों ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद आरोपी डॉक्टरों के साथ बहस करने लगा। यही नहीं आरोपी एक अन्य व्यक्ति के के साथ मिलकर कोविड सेंटर में भर्ती लोगों को भी होम क्वारेंटाइन के लिए उकसाने लगा।
सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि कोविड सेंटर में पर्याप्त सुविधाएं नहीं थी। इसलिए उनके मुवक्किल ने होम क्वारेंटाईन पर जोर दिया था। इसके अलावा अपराध को हुए दो माह का समय बीत चुका है। इसलिए आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है। वहीं सरकारी वकील ने आरोपी की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी ने न सिर्फ कोविड सेंटर के कर्मचारियों से बहस की, इसके साथ ही कोविड सेंटर से पांच लोगों को होम क्वारेंटाईन के लिए अपने साथ ले गया था। अभी मामले की जांच चल रही है और आरोपी के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज है। इसलिए आरोपी को जमानत न दी जाए। क्योंकि उसने सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी में अवरोध पैदा किया है।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी का कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद कोविड सेंटर से भागना व होम क्वारेंटाइन के लिए जोर देने की इजाजत महामारी कानून नहीं देता है। यह अपराध के दायरे में आता है। अभी इस मामले की जांच चल रही है। इसलिए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
स्टैन स्वामी के जमानत आवेदन पर सुनवाई
भीमा कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले में 84 वर्षीय आरोपी स्टैन स्वामी के जमानत आवेदन पर बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। स्वामी ने सेहत ठीक न होने के आधार पर जमानत देने का आग्रह किया है। स्वामी को अक्टूबर 2020 को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल स्वामी को तलोजा जेल में रखा गया है। स्वामी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिहीर देसाई बुधवार को अवकाशकालीन खंडपीठ के सामने स्वामी के जमानत आवेदन का उल्लेख करेंगे। श्री देसाई के अनुसार तलोजा जेल से जुड़े अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। ऐसे में उनके मुवक्किल का वहां इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा है। इसलिए स्वामी को मेडिकल के आधार पर जमानत दी जाए।
Created On :   18 May 2021 7:53 PM IST