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महिला एपीआई गुमशुदगी मामला : आरोपी इंस्पेक्टर अभय कुरुंदकर निलंबित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिला पुलिस अधिकारी अश्विनी बिद्रे-गोरे की गुमशुदगी के मामले में गिरफ्तार इंस्पेक्टर अभय कुरुंदकर को आखिरकार निलंबित कर दिया गया है। नई मुंबई पुलिस को शक है कि अश्विनी की हत्या कर दी गई है। फिलहाल कुरुंदकर मामले के एक और आरोपी राजेश पाटील के साथ दो जनवरी तक न्यायिक हिरासत में है। पाटील वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे का भांजा है। ठाणे ग्रामीण जिला पुलिस अधीक्षक महेश पाटील ने शनिवार को कुरुंदकर के निलंबन से जुड़ा आदेश जारी किया। हालांकि नियमों के तहत गिरफ्तार पुलिस कर्मचारी या अधिकारी 48 घंटे से ज्यादा समय पुलिस हिरासत में रहता है, तो उसके खिलाफ अपने आप निलंबन की कार्रवाई कर दी जाती है।
पुलिस को आदेश जारी करने में 15 दिन लगे
कुरंदकर के मामले में निलंबन से जुड़ा आदेश जारी करने में पुलिस को 15 दिन का समय लग गया। यह पहली बार नहीं है जब पुलिस पर इस मामले को लेकर ढिलाई बरतने का आरोप लगा है। दरअसल डेढ़ साल पहले लापता हुई अश्विनी के मामले में नई मुंबई पुलिस भी तब हरकत में आई जब परिजनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई और मामले की नियमित जांच रिपोर्ट मांगी। कुरंदकर को नई मुंबई पुलिस ने सात दिसंबर को गिरफ्तार किया था। वहीं अश्विनी की गुमशुदगी के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए पुलिस दोनों आरोपियों का नार्कों टेस्ट कराना चाहती है लेकिन सूत्रों के मुताबिक दोनों इसके लिए तैयार नहीं हैं।
क्या है मामला ?
मूल रूप से कोल्हापुर की रहने वाली अश्विनी पिछले साल फरवरी महीने से लापता हैं। उनकी पोस्टिंग नई मुंबई के कलंबोली पुलिस स्टेशन में हुई थी। गुमशुदगी के बाद नई मुंबई पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि उनके इंस्पेक्टर कुरंदकर के नजदीकी संबंध थे। दोनों शादीशुदा थे लेकिन अश्विनी कुरुंदकर पर शादी के लिए दबाव बना रहीं थीं। पुलिस को शक है कि इसी वजह से अश्विनी की हत्या कर उनका शव खाड़ी में फेंक दिया गया।
Created On :   24 Dec 2017 9:07 PM IST