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परमबीर को लेकर पुलिस निरीक्षक घाडगे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर किया दावा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जाति उत्पीड़न (एट्रासिटी) की शिकायत दर्ज करने वाले पुलिस निरीक्षक भीम राव घाडगे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में घाडगे ने दावा किया है कि उसने यह शिकायत सिंह पर पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ की गई शिकायत को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए नहीं की है।पुलिस निरीक्षक घाडगे ने वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश तलेकर के मार्फत यह हलफनामा सिंह की याचिका के विरोध में दायर किया किया है। याचिका में सिंह ने घाडगे की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। याचिका में सिंह ने कहा है कि उनके खिलाफ गलत इरादे से शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने इस मामले में अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है। सिंह की याचिका पर 21 मई 2021 को सुनवाई होनी है। हलफनामें पुलिस निरीक्षक घाडगे ने कहा है कि सिंह ने अपनी सेवा के दौरान अपने भ्रष्टाचार से पुलिस दल की छवि को धूमिल किया है। हलफनामे में घाडगे ने सिंह के उन दावों को काल्पनिक बताया है, जिसमें सिंह ने कहा है कि उन्होंने पूर्व गृहमंत्री देशमुख के भ्रष्टाचार को उजागर किया है। इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। हलफनामा में घाडगे ने कहा है कि उन्होंने सिंह पर दबाव बनाने के लिए शिकायत नहीं दर्ज कराई है। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को आश्वस्त किया था कि वह 21 मई तक सिंह को इस मामले में गिरफ्तार नहीं करेंगी। वर्तमान में अकोला में तैनात पुलिस निरीक्षक भीमराव घाडगे ने सिंह के खिलाफ जाति उत्पीड़न (एट्रासिटी )की शिकायत दर्ज कराई है। अकोला पुलिस ने इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज की है। इस तरह की एफआईआर कही पर भी दर्ज की जा सकती हैं। बाद में इसे संबंधित पुलिस स्टेशन को जांच के लिए भेजा जाता है। अकोला में दर्ज की गई एफआईआर को ठाणे पुलिस स्टेशन में भेजा जाएगा । क्योंकि घाडगे ने उस समय की घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है जब वह ठाणे पुलिस आयुक्तालय में तैनात थे
आईपीएस परमबीर सिंह के खिलाफ एक और मामले में जांच के आदेश
उधर पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ राज्य सरकार ने एक और मामले में जांच के आदेश दिए हैं। सिंह पर साल 2017 में ठाणे पुलिस कमिश्नर रहते अर्बन लैंड सीलिंग (यूएलसी) कानून के तहत बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई न कर उनसे पैसे वसूलने का आरोप है। मामले में पहले से एफआईआर दर्ज है। अब राज्य सरकार ने ठाणे पुुलिस की अपराध शाखा को मामले की छानबीन के आदेश दिए हैं। ठाणे अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त लक्ष्मीकांत पाटील की अगुआई में जांच के लिए बनाई गई विशेष टीम ने छानबीन शुरू कर दी है। मामले में कुछ अधिकारियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। आरोप है कि ठाणे पुलिस कमिश्नर रहते सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि उनकी इजाजत के बिना यूएलसी से जुड़े किसी मामले की जांच या एफआईआर न की जाए। मामले में शिकायतकर्ता राजू शाह ठाणे के मीरा-भायंदर इलाके में बिल्डर हैं। पिछले महीने उन्होंने इस मामले की छानबीन के लिए राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील और डीजीपी संजय पांडे को पत्र लिखा था। शाह का दावा है कि सिंह ने यूएलसी घोटाले की जांच के दौरान मामले में आरोपों के घेरे में फंसे बिल्डरों से मोटी रकम वसूली थी। शाह के मुताबिक 2017 में ठाणे पुलिस की अपराध शाखा ने अतिरिक्त जमीन सरकार को न देने के आरोप में मशहूर बिल्डर श्यामसुंदर अग्रवाल समेत पांच बिल्डरों को यूएलसी कानून के तहत गिरफ्तार किया था और बाद में उनसे पैसे वसूले गए। सिंह के खिलाफ यह पांचवां मामला है जिसकी जांच के आदेश राज्य सरकार ने दिए हैं। सिंह के खिलाफ बुकी सोनू जालान और दो पुलिस अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के आरोप में अलग-अलग शिकायतें की हैं। साथ ही उनके खिलाफ बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के मामले में भी जांच चल रही है।
Created On :   20 May 2021 6:29 PM IST