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बिल्डरों द्वारा गरीबों के लिए घर न देने पर नाशिक मनपा आयुक्त के तबादले का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में सभापति रामराजे निंबालकर ने निजी बिल्डरों द्वारा गरीबों के लिए 20 प्रतिशत घर म्हाडा को उपलब्ध नकराने के मामले में नाशिक मनपा आयुक्त कैलास जाधव का तबादला करने कानिर्देश दिया है। सभापति ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गरीबों के घरोंको बिल्डरों के जेब में डाला जा रहा है। सरकार किसी भी परिस्थिति मेंनाशिक मनपा आयुक्त का तबादला करें।
इस पर प्रदेश के गृह निर्माण मंत्रीजितेंद्र आव्हाड ने कहा कि सभापति के आदेश का पालन किया जाएगा। गरीबों केघर के अधिकार को छीनने वाले नाशिक मनपा और म्हाडा के एक भी अधिकारी कोछोड़ा नहीं जाएगा। सोमवार को सदन में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने निजीबिल्डरों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और अल्प आय समूह वर्ग के लिए 20 प्रतिशत घर म्हाडा को हस्तांतरित न किए जाने का मुद्दा उठाया था। दरेकरने कहा कि नाशिक में लगभग 700 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस पर आव्हाडने कहा कि एकात्मिक विकास नियंत्रण व प्रोत्साहन नियमावली (यूडीसीपीआर)योजना के तहत निजी बिल्डरों से म्हाडा को पर्याप्त घर उपलब्ध नहीं हुए हैं।
इसलिए यह जांच की जाएगी कि साल 2013 के बाद नाशिक मनपा क्षेत्र में निजीबिल्डरों की कितनी इमारत के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) दी गई है। इसबीच लोकभारती के सदस्य कपिल पाटील ने कहा कि यूडीसीपीआर योजना के तहतगरीबों के लिए पिंपरी-चिंचवड में 24 हजार, नई मुंबई में 19, ठाणे में 16 हजार और नाशिक में केवल 157 घर उपलब्ध हुआ है। जबकि नाशिक में कम से कम 7 हजार घर उपलब्ध होना चाहिए था। नाशिक में निजी बिल्डरों से सांठगांठ करकेगरीबों का घर हड़पा गया है।
Created On :   21 March 2022 8:48 PM IST