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तापी पुनर्भरण योजना का कार्य तेज गति से पूरा करने के निर्देश

डिजिटल डेस्क, अमरावती। जिले की गोदावरी और तापी घाटी की 6 नदियों को केंद्र सरकार के जलशक्ति अभियान अंतर्गत जोड़कर बाढ़ और सूखा की स्थिति से निपट सकते हैं। जिले को सुजलाम् सुफलाम् बनाने वाली तापी महाकाय पुनर्भरण महत्वपूर्ण योजना काे गति से पूर्ण करने के निर्देश राज्य के जलसंपदा राज्यमंत्री बच्चू कडू ने प्रकल्प मंडल के अधिकारियों को दिए हैं। गौरतलब है कि, अमरावती जिले में 10 बड़ी और 14 छोटी ऐसी 24 नदियां बहती है। जिले की पेढ़ी, पूर्णा, पीली, चंद्रभागा, शहानूर यह नदियां तापी नदी से मिलती है और वर्धा नदी पूर्व की ओर से बहकर प्राणहिता नदी से मिलती है। इसके बावजूद हर साल भूजल स्तर कम होता है। कुछ तहसीलों में पानी की कमी महसूस होती है तथा कम बारिश के कारण कुछ बांध और नहर सूखे रहते हैं। इसलिए अमरावती जिले की तापी, पूर्णा, पेढी और गोदावरी घाटी से बहने वाली इन नदियों को जोड़ने वाली योजना को राज्यमंत्री कडू के मार्गदर्शन में गति मिल रही है।
इस प्रकार किया गया नियोजन
वर्धा नदी पर राजुरवाड़ी से शहानूर नदी यह सबसे कम दूरी की एक रेखा में एक जलस्तर से जोड़ने पर इन 6 नदियों में 12 महीने पानी उपलब्ध रह सकता है और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। प्रकल्प के लिए वर्धा (राजुरवाड़ी से शहानुर, अंजनगांवसुर्जी) में जमीन संपादित करनी होगी। तापी नदी का पानी अचलपुर तहसील में लाने का प्रस्ताव है। जिले के नागरिकों तथा किसानों के हित में महाकाय नदी जोड़ प्रकल्प सकारात्मक दृष्टि से चलाने के लिए अब राज्यमंत्री बच्चू कडू ने पहल की है।
बढ़ेगी सिंचाई क्षमता
इस प्रकल्प से सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी। बारिश के दिनों मंे तापी नदी के बाढ़ का पानी मध्यप्रदेश तथा नहर के जरिए महाराष्ट्र के धारणी, अचलपुर तक नदी, नालों में छोड़ा जा सकता है। भूमिगत बांध, पुनर्भरण कुएं का जलस्तर भी बढ़ेगा और उपलब्ध जलसंग्रह द्वारा सिंचाई क्षमता भी बढ़ाई जा सकती है।
Created On :   6 Nov 2021 6:33 PM IST