कैसे बुझेगी राज्य की प्यास, तालाबों में पर्याप्त पानी नहीं

insufficiency of water is a big problem of state
कैसे बुझेगी राज्य की प्यास, तालाबों में पर्याप्त पानी नहीं
कैसे बुझेगी राज्य की प्यास, तालाबों में पर्याप्त पानी नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में मानसून खत्म होने के बाद भी अमरावती अंचल में पानी की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। अमरावती विभाग के जलाशयों में राज्य भर में सबसे कम 40.95 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। यहां पर पिछले साल के 78.10 प्रतिशत पानी के मुकाबले आधा पानी उपलब्ध है। नागपुर विभाग में भी पानी की स्थिति अच्छी नहीं है। नागपुर विभाग में बीते साल के 58.65 प्रतिशत पानी की तुलना में फिलहाल 43.43 प्रतिशत पानी मौजूद है। प्रदेश भर में कुल 3238 छोटे, बड़े और मध्यम जलाशयों में कुल 76.04 प्रतिशत जलसंचय है। जो कि पिछले साल की तुलना में 7.10 प्रतिशत पानी कम है।

रविवार को यह जानकारी राज्य सरकार के जलसंसाधन विभाग से मिली है। इसके मुताबिक मराठवाड़ा विभाग में 70.04 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। संभाग में बीते साल 77.78 प्रतिशत पानी मौजूद था। नाशिक विभाग में 83.75 प्रतिशत जलसंचय हुआ है। कोंकण विभाग में सबसे अधिक 94.93 प्रतिशत पानी है जबकि पुणे विभाग में 91.10 प्रतिशत जलसंचय हुआ है। 

कहां कितना पानी 

राज्य के जलसंसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार अमरावती के ऊध्व वर्धा जलाशय लबालब यानी 100 प्रतिशत भरा हुआ है जबकि अकोला के वाण बांध में 98.63 प्रतिशत पानी है। वहीं काटेपूर्णा जलाशय में केवल 20.94 प्रतिशत पानी है। बुलढणा के खडकपूर्णा में 23.40 प्रतिशत, नलगंगा में 41.80 प्रतिशत, पेनटाकली में 47.33 प्रतिशत, यवतमाल के अरुणावती में 23.69 प्रतिशत, इसापुर में 14.40 प्रतिशत, पूस में 23.88 प्रतिशत, बेंबला में 29.73 प्रतिशत पानी है। नागपुर विभाग में भंडारा के गोसीखुर्द में 20.38 प्रतिशत, बावनथडी में 46.76 प्रतिशत, गोंदिया के इटियाडोह में 34.28 प्रतिशत पानी है। नागपुर के कामठी खैरी जलाशय में 53.65 प्रतिशत, खिंडसी में 26.96 प्रतिशत, तोतलडोह में 35.27 प्रतिशत, नांद और वडगांव जलाशय पूरा भर चुका है। औरंगाबाद के जायकवाड़ी बांध में भी 100 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। बीड़ के मांजरा और माजलगांव जलाशय भी लबालब है। 

 राज्य भर के जलाशयों का जलस्तर 

  22 अक्टूबर 2017       22 अक्टूबर 2016
  76.04 प्रतिशत           83.14 प्रतिशत 
   5 सितंबर  2017        5 सितंबर 2016
   65.29 प्रतिशत          67.60 प्रतिशत
   16 अगस्त 2017       16 अगस्त 2016
   52.31 प्रतिशत            61.87 प्रतिशत 
   7 जुलाई 2017          7 जुलाई 2016
   24.38 प्रतिशत           13.68 प्रतिशत

Created On :   22 Oct 2017 8:40 PM IST

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