4 लाख 24 हजार मछुआरों का हुआ बीमा, मोर्शी में खुलेगा मत्स्य महाविद्यालय, फ्रूट वाइन पर भी नाम मात्र टैक्स

Insurance for 4 lakh 24000 fishermen, Fisheries College will open in Morsi
4 लाख 24 हजार मछुआरों का हुआ बीमा, मोर्शी में खुलेगा मत्स्य महाविद्यालय, फ्रूट वाइन पर भी नाम मात्र टैक्स
4 लाख 24 हजार मछुआरों का हुआ बीमा, मोर्शी में खुलेगा मत्स्य महाविद्यालय, फ्रूट वाइन पर भी नाम मात्र टैक्स

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार की नीलक्रांति योजना के माध्यम से 3 लाख 24 हजार मछुआरों को बीमा कवच दिया गया है। पिछले तीन सालों में नील क्रांति योजना में 53 करोड़ 21 लाख रुपए प्रत्यक्ष रूप से खर्च किए गए हैं। बुधवार को राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई। इसके अनुसार नीलक्रांति योजना के माध्यम से 4 हजार 613 लाभार्थियों को लाभ दिया गया है। वहीं पिंजरा पद्धति से मत्स्य संवर्धन के लिए 218 लाभार्थियों को 2 हजार 605 पिंजरा बांटा गया है। जबकि 2 हजार 664 मछुआरों को सुरक्षा सामग्री वितरित की गई है। 1 हजार 769 लाभार्थियों को बचत निधि मदद योजना का लाभ दिया गया है। तीन साल में 1200 लाभार्थियों को मत्स्य व्यवसाय का प्रशिक्षण मिला है। मत्स्य व्यवसाय का एकात्मिक विकास, मत्स्य उत्पादन में वृद्धि और मछुआरों के कल्याण के लिए नील क्रांति योजना चलाई जा रही है।

 

मोर्शी में खुलेगा मत्स्य महाविद्यालय

अमरावती जिले के मोर्शी में मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय शुरू किया जाएगा। इससे प्रवेश के लिए प्रतीक्षा सूची वाले छात्रों को लाभ होगा। राज्य के कृषि मंत्री डॉ अनिल बोंडे ने यह जानकारी दी। बुधवार को मंत्रालय में इस संबंध में बैठक हुई। मोर्शी तहसील में सरकारी जमीन पर जल्द ही मत्स्य महाविद्यालय शुरू किया जाएगा। डॉ बोंडे ने निर्देश दिया कि इस संबंध में कार्यवाही शुरू की जाए। इसको लेकर विज्ञापन प्रकाशित कराये जाएं। बैठक में प्रधान सचिव अनुप कुमार, मत्स्य व्यवसाय आयुक्त राजीव जाधव, महाराष्ट्र पशु व मत्स्य विज्ञान  विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ ए एस पातुरकर, कुलसचिव चंद्रमान पराते व कृषी विभाग के  वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
 

फ्रूट वाइन के लिए देना होगा नाम मात्र टैक्स

फल व मीड वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य उत्पादन शुल्क विभाग ने अंगूर से बनने वाली वाइन को छोड़कर सभी वाइन के लिए प्रति बल्क लीटर केवल 1 रुपये का उत्पादन शुल्क वसूलने का फैसला किया है। इस फैसले से जामुन, चीकू, केला, करौदा आदि से वाइन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार का मानना है कि इसका लाभ राज्य के फल उत्पादकों को होगा। अभी तक अंगूर को छोड़कर सभी वाइन और मीड वाइन पर 100 फीसदी उत्पाद शुल्क वसूल किया जाता था। इसकी वजह से अन्य शराब (बीयर) की अपेक्षा यह वाइन महँगी होती है। बीयर की 650 मिली लीटर की बोतल की कीमत 150 रुपये से 180 रुपए होती है जबकि 750 मिली लीटर की साधारण टेबल वाइन 250 से 400 रुपये में मिलती है। कीमतों में इस अंतर की वजह से वाइन उद्योग हर माह महाराष्ट्र में केवल 700 से 800 पेटी वाइन की बिक्री कर पाता है। पिछले 2 वर्षों में केवल 4 नई कंपनिया आगे आई। इस लिए राज्य सरकार ने वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया है।

 

मंत्रालय पत्रकार संघ ने बाढ़ राहत के लिए दिए डेढ लाख

मंत्रालय तथा विधिमंडल वार्ताहर संघ की तरफ से प्रदेश के बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सहायता निधि के लिए 1 लाख 51 हजार रुपए दिए गए। बुधवार को संघ की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मदद राशि का चेक सौंपा गया। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष दिलीप सपाटे, महासचिव विवेक भावसार, कार्यकारिणी सदस्य अनिकेत जोशी, विनय यादव आदि मौजूद रहे। 

Created On :   4 Sep 2019 3:29 PM GMT

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