जेल से बाहर आने वाले अपराधियों की अब इंटेलिजेंस स्क्वाॅड लेगा खुफिया जानकारी

Intelligence squad will now take secret information of criminals coming out of jail
जेल से बाहर आने वाले अपराधियों की अब इंटेलिजेंस स्क्वाॅड लेगा खुफिया जानकारी
जेल से बाहर आने वाले अपराधियों की अब इंटेलिजेंस स्क्वाॅड लेगा खुफिया जानकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी  को अपराध मुक्त बनाने के लिए शहर पुलिस आयुक्त डाॅ. भूषणकुमार उपाध्याय ने कमर कस ली है। वर्षाें से पुराने ढर्रे पर कार्य कर रही अपराध शाखा पुलिस विभाग के कई दस्ते में फेरबदल करते हुए उन्होंने विविध दस्ते की पुनर्रचना की। पुनर्रचना के तहत अब कुछ ऐसे पुलिस दस्ते तैयार हो गए हैं, जिसमें जेल इंटेलिजेंस स्क्वाॅड प्रमुख माना जा रहा है। यह स्क्वाॅड जेल से छूटकर बाहर आने वाले आराेपियों और कैदियों की गतिविधियों पर गोपनीय तरीके से नजर रखेगा। इससे नए गिरोहों के खुफिया जानकारी यह स्क्वाॅड हासिल कर वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाएगा।

वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई करने में जेल इंटलिजेंस स्क्वाॅड सक्रिय हो जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर अपराध शाखा पुलिस विभाग के अंतर्गत चेन स्नैचिंग स्क्वाॅड, जेल इंटलिजेंस स्क्वाॅड, घरफोड़ी (सेंधमारी) विरोधी स्क्वाॅड, वाहन चोरी विरोधी स्क्वाॅड प्रमुख रूप से कार्य कर रहे हैं। इस स्क्वाॅड में उपनिरीक्षक स्तर का अधिकारी स्क्वाॅड के मुखिया की भूमिका में है। इस स्क्वाॅड के कार्यरत हो जाने से अपराध शाखा पुलिस विभाग की 5 यूनिट के अधिकारी-कर्मचारी भी बेहतर परिणाम दे सकते हैं। 

दावा  : बेहतर परिणाम सामने आएंगे
सूत्र बताते हैं कि उक्त स्क्वाॅड तो पहले से ही शुरू थे लेकिन पुलिस आयुक्त डाॅ. भूषणकुमार उपाध्याय ने इस स्क्वाॅड की पुनर्रचना कर इसमें नई संजीवनी बूटी डालने का कार्य किया है। उक्त प्रत्येक स्क्वाॅड में 6 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल किए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त नीलेश भरणे की देखरेख में उक्त सभी स्क्वाॅड की पुनर्रचना की जिम्मेदारी को पूरी किया गया है। अपराध शाखा पुलिस विभाग के प्रमुख व उपायुक्त गजानन राजमाने की देखरेख में यह स्क्वाॅड कार्य करेगा। इस स्क्वाॅड के पुनर्रचना किए जाने की बात पर राजमाने ने कहा िक इनके बीच अपराधों के डिटेक्शन को लेकर प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी, इससे और बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

नहीं मिलती थी जानकारी
पहले जेल से छूटने वाले आरोपी या अपराधी के बारे में खुफिया जानकारी नहीं मिल पाती थी। इससे जेल से बाहर आने वाला आरोपी या अपराधी अपनी गैंग या गिरोह तैयार कर लेता था। अब जेल इंटेलिजेंस स्क्वाॅड के बनने से  जेल से बाहर आने वालों के बारे में जानकारी लेता रहेगा। इस स्क्वाॅड के पुनर्रचना किए जाने से अपराधियों की नए गिरोह का पता लगने में भी अासानी होगी। इस स्क्वाॅड के अधिकारी-कर्मचारी अपने सोर्स से नए गिरोह का पता लगाएंगे। गिरोह को बढ़ने से पहले ही उसे पनपने नहीं दिया जाएगा। नए गिरोह की करीब 90 प्रतिशत जानकारी इस स्क्वाॅड को पता चल जाएगी। बाकी 10 फीसदी जानकारी तकनीकी संसाधनों से जुटा ली जाएगी।

मिलकर करेंगे आरोपियों की खोजबीन
 वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि शहर में इसके पहले भी उक्त सभी दस्ते कार्यरत थे, लेकिन उनका पुनर्रचना कर दिए जाने से कार्य करने वालों के अंदर नई ऊर्जा का संचार हुआ है। पुलिस विभाग के विविध दस्ते वैसे भी हमेशा नए गिरोह, नए गिरोह के मुखियाओं और विशेष रूप से नए गिरोह के सदस्यों की संकेतों की तलाश में रहते हैं। ऐसा नहीं है कि पुनर्रचित स्क्वाॅड ही आरोपियों की खोजबीन करेंगे। बल्कि अब यह भी देखा जाएगा कि कौन से स्क्वाॅड के अधिकारी-कर्मचारी बेहतर कार्य कर रहे हैं।

पुनर्रचना कर उन्हें मजबूत बनाया है
ऐसा नहीं है कि ये नए स्क्वाॅड बनाए गए हैं। यह स्क्वाॅड पहले भी थे बस उनकी पुनर्रचना कर उन्हें और मजबूत बनाया गया है। समय के साथ यह बदलाव भी जरूरी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए इन सभी स्क्वाॅड की पुनर्रचना की गई है।   -डाॅ. भूषणकुमार उपाध्याय, पुलिस आयुक्त, नागपुर शहर
 

Created On :   3 Oct 2019 5:44 AM GMT

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