पक्षकारों का हित सबसे महत्वपूर्ण

Interest of the parties is most important - High Court
पक्षकारों का हित सबसे महत्वपूर्ण
हाईकोर्ट पक्षकारों का हित सबसे महत्वपूर्ण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि पक्षकार का हित सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। जबकि न्यायाधीश अथवा वकील न्यायदान की प्रक्रिया में अपना सहयोग देते है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने यह बात सातारा जिले के वाई इलाके में कोर्ट स्थापित करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी को चुनौती देनेवाली वकीलों के संगठन की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कही। सतारा जिला बार एसोसिएशन ने इस विषय को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। 

याचिका में दावा किया गया था कि वाई में कोर्ट स्थापित करने को मंजूरी देते समय बुनियादि सुविधाओं,परिवहन व्यवस्था,इमारत व दूसरे पहलूओं पर विचार नहीं किया गया है। सिर्फ प्रलंबित मामलों की संख्या के आधार पर हाईकोर्ट प्रशासन ने वाई में कोर्ट स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि अभी पक्षकारों को सतारा कोर्ट जाने के लिए 35 किमी लंबा सफर तय करना पड़ता है ऐसे में यदि वाई में ही कोर्ट स्थापित की जाती है तो यह पक्षकारों के हित में है। आखिर पक्षकार अपने क्षेत्र से सातारा कोर्ट पहुंचने के लिए लंबा सफर क्यों करे। खंडपीठ ने माना कि न्यायदान की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि लोगों को शीघ्रता से और समय पर न्याय मिले और आसानी से लोग न्याय पानेवाली जगह तक पहुंच सके।

इस स्थिति में वाई इलाके में रहनेवाले लोगों को सातारा तक पहुंचने के लिए कई किमी का लंबा सफर करने से अच्छा है कि उनके क्षेत्र में ही कोर्ट हो। हाईकोर्ट ने वाई में एडिशनल ड्रिस्ट्रिक जज एंड कोर्ट आफ सिविल जज(सिनियर डिविजन को मंजूरी दी है। जिसे वकीलों के संगठन ने चुनौती दी थी। खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट पक्षकारों की सुविधा के लिए है न की वकीलों के लिए। क्योंकि पक्षकारों के हित का प्रमुख महत्व है। इस तरह से खंडपीठ ने बार एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया। 

    


 

Created On :   1 April 2022 9:38 PM IST

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