विधान परिषद में 4284 करोड़ की पूरक मांगे मंजूर, धनगर आरक्षण पर कार्यवाही ठप, अब पेश होगा अंतरिम बजट

Interim budget to be present, Impact of Lok Sabha election will be seen
विधान परिषद में 4284 करोड़ की पूरक मांगे मंजूर, धनगर आरक्षण पर कार्यवाही ठप, अब पेश होगा अंतरिम बजट
विधान परिषद में 4284 करोड़ की पूरक मांगे मंजूर, धनगर आरक्षण पर कार्यवाही ठप, अब पेश होगा अंतरिम बजट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में 4 हजार 284 करोड़ रुपए के पूरक मांगों के प्रस्ताव को बिना चर्चा के मंजूर करा लिया गया। मंगलवार कोसदन में प्रदेश के वित्त राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने साल 2018-19 के पूरक मांगों का प्रस्ताव मंजूरी के लिए सदन के सामनेरखा।इस दौरान सदन में हंगामे के बीच सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने प्रस्ताव को मंजूर करने की घोषणा की।विधान परिषद की कार्यसूचीमेंपूरक मांगों पर 20 मंत्रियों के विभागों की पूरक  मांगों पर चर्चाका उल्लेख किया गया था लेकिन इस पर चर्चा नहीं हो पाई। 

धनगर आरक्षण पर ठप हुई विधान परिषद की कार्यवाही

विधान परिषद में धनगर आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष के शोरशराबे के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।मंगलवार को सदन में कांग्रेस के सदस्य हरिसिंग राठोड ने कहा कि राज्य सरकार धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) कोटे में आरक्षण नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार के सत्ताधारी दोनों दल धनगर समाज को मूर्ख बनाने का काम कर रहे हैं। आरक्षण के मुद्दे पर केवल राजनीति चल रही है। जो सच्चाई है उसको छिपाने का काम किया जा रहा है। सदन में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि सरकार ने धनगर समाज को आरक्षण के लिए केवल आश्वासन ही दिया है।इसके जवाब में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि राज्य में आदिवासी समाज के मूल आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना धनगर समाज को आदिवासी के रूप में आरक्षण दिया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव कोविधानमंडल के दोनों सदनों की मंजूरी के बाद जल्द से जल्दकेंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। इससे जुड़ेप्रस्ताव को तैयार करने का काम राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी कर रहे हैं। उन्हें धनगर आरक्षण के संबंध में राज्य सरकार को टाटा इंस्टिट्यूट ऑफसोशल साइंस (टिस)की रिपोर्ट के आधार पर पत्र बनाने को कहा गया है। 

ओबीसी आरक्षण पर प्रभाव नहीं पड़ेगा- पाटील 

राजस्व मंत्री पाटील ने कहा कि मराठा समाज के आरक्षण से ओबीसी समाज के आरक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। विधान परिषद में लोकभारती के विधायक कपिल पाटील ने ओबीसी आरक्षणका मुद्दा उठाया था।पाटील ने कहा कि यदि मराठा समाज ओबीसी साबित होंगे तो ओबीसी के मौजूदा आरक्षण पर अतिक्रमण होगा। इसलिए राज्य के ओबीसी समाज में अपने आरक्षण कोटे को लेकरडर है।पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में मराठा आरक्षण विधेयक पेश करते समय आश्वासन दिया था कि ओबीसी आरक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

दोनों सदनों में पेश किया जाएगा अंतरिम बजट

वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट बुधवार 27 फरवरी को दोपहर 2 बजे विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समझा जा रहा है कि यह फडणवीस सरकार का चुनावी बजट होगा, इसलिए सरकार किसी तरह के नए कर बढ़ाने परहेज करेगी। केंद्रीय बजट की तरफ राज्य के अंतरिम बजट के भी लोक लुभावन होने की संभावना है। इसमें किसान, मध्यम वर्ग के लिए कई घोषणाएं हो सकती है। विधानसभा में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, जबकि विधानपरिषद में दीपक केसरकर अंतरिम बजट पेश करेंगे। मंगलवार को मुनगंटीवार और दीपक केसरकर ने बजट को अंतिम रूप दिया। इस मौके पर वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव यूपीएस मदान और सचिव (व्यय) राजीव मित्तल उपस्थित थे। 

अंतरिम बजट होगा पेश

चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश किया जाता है। इसमें कुछ वक्त तक राज्य को चलाने के लिए खर्च का इंतजाम किया जाता है। विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष धनजंय मुडे सरकार से अंतरिम बजट में लोक लुभावन घोषणा से बचने की सलाह दी है, लेकिन चुनावी साल को देखते हुए सरकार किसानों के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि यह प्रदेश के विकास को गति देने वाला होगा। इसमें किसान, मध्यमवर्ग, महिलाएं, अल्पसंख्यक सहित सभी वर्ग को राहत पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।सूत्रों के अनुसार अंतरिम बजट में पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों को सरकार 4,500 करोड़ रुपए का पैकेज देने की घोषणा करेगी। छोटे कारोबारियों के प्रोत्साहन के लिए इसमें विशेष प्रावधान हो सकते हैं। विधानमंडल के अगले सत्र में जून महिने में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा, जिसमें पूंजीगत खर्च का हवाला दिया जाएगा। 
 

Created On :   26 Feb 2019 2:47 PM GMT

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