फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन को जबरदस्ती कार्रवाई से अंतरिम राहत

Interim relief from coercive action to Federation of Retail Traders Welfare Association
फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन को जबरदस्ती कार्रवाई से अंतरिम राहत
मराठी में साइन बोर्ड मामला फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन को जबरदस्ती कार्रवाई से अंतरिम राहत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. महाराष्ट्र सरकार के सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड मराठी में ही लिखने के आदेश के मामले में फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को अंतरिम राहत मिली। शीर्ष अदालत ने मामले में अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा है कि राज्य सरकार के इस आदेश का पालन नहीं करने के लिए एसोसिएशन के सदस्यों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने आज मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि वह ‘कोई जबरदस्ती कार्रवाई नहीं’ का एक सामान्य आदेश आदेश पारित नहीं कर रहे हैं। पीठ ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों को सुरक्षा देगा। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। इसके बाद पीठ ने मामले को 8 नवंबर तक मुल्तवी किया।

इससे पहले बीते 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड को अनिवार्य रूप से मराठी में लिखने के आदेश को चुनौती देने वाली फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। एसोसिएशन की ओर से पेश वकील गोपाल शंकरनारायणन ने दलील रखी थी कि राज्य सरकार के निर्देश को लागू करने के निर्णय में कोई तर्क नहीं है और राज्य की भाषा की पसंद को दुकानों पर नहीं थोपा जा सकता है। वकील ने कहा मेरी दुकानों पर पथराव हुआ है। क्या आप एक भाषाई अल्पसंख्यक के रूप में मेरे अधिकारों में हस्तक्षेप कर सकते हैं? 

 

Created On :   4 Nov 2022 9:45 PM IST

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