रेमडेसिविर बांटने वाले नेताओं-अभिनेताओं के खिलाफ अंजाम तक पहुंचाएं जांचः हाईकोर्ट

Investigation should be carried out against the leaders and actors who distributed Remedisvir: High Court
रेमडेसिविर बांटने वाले नेताओं-अभिनेताओं के खिलाफ अंजाम तक पहुंचाएं जांचः हाईकोर्ट
रेमडेसिविर बांटने वाले नेताओं-अभिनेताओं के खिलाफ अंजाम तक पहुंचाएं जांचः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट एक बार फिर कोरोना के इलाज के लिए जरूरी दवाएं हासिल करने वाले नेताओं व फिल्मी हस्ती के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह रेमडेसिविर इंजेक्शन को बांटने वाले लोगों के खिलाफ जारी जांच को उसके तार्किक अंजाम तक पहुचाएं। हाईकोर्ट ने साफ किया कि यदि कोई लोगों की मदद करना चाहता है तो वह कानून के दायरे में रहकर लोगों की मदद करे। कानूनी व्यवस्था की अनदेखी व अवहेलना कर मदद की इजाजत नहीं दी जा सकती। इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि हमने इस बारे में विधायक जिशान सिद्दिकी व सोनू सूद चैरिटी फाउंडेशन को नोटिस जारी किया है। उनका जवाब भी हमे मिला है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि क्या सरकार के लिए यह जवाब पर्याप्त है? वह उनके जवाब पर सीधे विश्वास कर सकती है। सरकार इस मामले की जांच को उसके अंजाम तक पहुचाए। क्योंकि केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि दवा निर्माताओं ने सूद फाउंडेशन को इंजेक्शन नहीं उपलब्ध कराए हैं। 

म्यूकर मायकोसीस को गंभीरता से ले 

इस बीच खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार म्यूकरमायकोसीस के उपचार को गंभीरता से ले। क्योंकि इसके भी मरीज बढ़ रहे हैं। ग्रामीण व आदिवासी इलाकों में इसके उपचार की व्यवस्था की जाए क्योंकि वहां पर भी इसका प्रकोप बढ़ रहा है। वहीं राज्य के महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार ने म्यूकर मायकोसीस के उपचार के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इसके लिए 131 अस्पताल निर्धारित किए गए हैं। जहां मरीजों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था है। आम तौर पर शुगर के मरीज म्यूकर मायकोसीस का शिकार हो रहे हैं। इस बीमारी के लिए जरुरी इंजेक्शनहमारे पास पर्याप्त मात्रा में नहीं है। हमे केन्द्र सरकार से रोजाना इंजेक्शन की पांच से छह हजार शीशीयां मिल रही हैं। जबकि जरूरत इससे ज्यादा की है। जून तक हमारे पास पर्याप्त इंजेक्शन होंगे क्योंकि इस इंजेक्शन को बनाने का काम यहां पर भी शुरु हो गया है। फिलहाल इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों के पास इंजेक्शन नहीं है। इसलिए पर्याप्त इंजेक्शन नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं। 

अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के लिए अध्यादेशक्यों नहीं

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की अनिवार्यता को लेकर अध्यादेश जारी क्यों नहीं करती? खंडपीठ ने यह सवाल कोरोना के मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान किया। खंडपीठ ने कहा कि वर्तमान में भले ऑक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त है लेकिन अभी कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना बनी हुई है। हमे अपने अतीत की गलतियों से सबक लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए। इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 200 वर्ग मीटर की जरूरत पड़ेगी। अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की अनिवार्यता को लेकर कानून में संसोधन करना पड़ेगा। इस पर खंडपीठ ने कहा कि संसोधन कि प्रक्रिया पूरी होने में समय लगेगा। सरकार अध्यादेश जारी करने पहले विचार क्यों नहीं करती। इसके अलावा वह इस बारे में सरकार कार्यपालिका के मार्फत आदेश भी जारी कर सकती है। इस पर राज्य के महाधिवक्ता ने निर्देश लेने के लिए समय की मांग की।

बच्चों को कोविड से बचाने मनपा ने क्या कदम उठाए

मुंबई महानगरपालिका ने हाईकोर्ट को सूचित किया है कि नौ मई 2021 तक मुंबई में करीब 12 हजार बच्चे मुंबई कोविड से प्रभावित हुए हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि मनपा ने बच्चों को कोविड से बचाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। जिससे बच्चों को समय पर पर्याप्त उपचार मिल सके?
 


 

Created On :   27 May 2021 7:53 PM IST

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