मुख्यमंत्री के दरबार पहुंचा प्रोफेसरों की रिटायरमेंट उम्र का मुद्दा  - की गई है 64 

Issue of retirement age of professors reached the Chief Ministers court - has been done 64
मुख्यमंत्री के दरबार पहुंचा प्रोफेसरों की रिटायरमेंट उम्र का मुद्दा  - की गई है 64 
विरोध मुख्यमंत्री के दरबार पहुंचा प्रोफेसरों की रिटायरमेंट उम्र का मुद्दा  - की गई है 64 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनपा अस्पतालों के डीन से लेकर प्रोफेसरों की सेवानिवृत्त की आयु बढ़ाकर 64 वर्ष कर दी गई है। इसके विरोध में मनपा अस्पतालों के डॉक्टरों ने अपना आंदोलन छेड़ रखा है। अब म्युनिसिपल मेडिकल टीचर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दरबार मे हाजिरी लगाई है। इन डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे रिटायरमेंट आयु 64 से घटाकर 62 करें ताकि जूनियर डॉक्टरों को न्याय मिल सके। बता दें कि 28 फरवरी को मुंबई मनपा प्रशासन ने परिपत्रक जारी कर मनपा अस्पतालों के प्रोफेसर से लेकर डीन, संचालक की सेवानिवृत्त आयु 62 से बढ़ाकर 64कर दी है। इसका विरोध मनपा अस्पतालों के डॉक्टर कर रहे हैं। इसके लिए म्युनिसिपल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मनपा आयुक्त को एक निवेदन देकर अपना विरोध प्रकट किया था और सेवानिवृत्त आयु को घटाने की मांग की थी। डॉक्टरों के इस निवेदन को मनपा आयुक्त द्वारा अनदेखा करने पर अब एसोसिएशन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास पहुंच गया है। 

चार प्रमुख मांगें

सेवानिवृत्त आयु को कम करने के साथ-साथ एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी चार मांगें रखी है। इनमें  28 फरवरी के सर्कुलर के मुताबिक प्रोफेसरों, डीन, संचालक की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 तक करने, अस्पतालों में रिक्त विभागाध्यक्षों और अस्पतालों में प्रोफेसरों के सभी रिक्त पदों को जल्द भरने की मांग की गई है।

एनेस्थेटिस्ट विभाग में भी कोई भर्ती नहीं है

मनपा अस्पतालों के अलावा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल भी हैं। कई बार एनेस्थेटिस्ट न होने से निजी अस्पतालों में ऑपरेशन के लिए मरीजों को रेफर किया जाता है। एसोसिएशन ने यह भी दावा किया है कि अस्पताल की दयनीय स्थिति के लिए डीन और निदेशक जिम्मेदार हैं। केईएम अस्पताल में पिछले 12 सालों से लिविंग डोनर ट्रांसप्लांटेशन बंद है। यहां प्रत्यारोपण शुरू करने के लिए किसी भी तरह का प्रयास नहीं किया गया है। एसोसिएशन के सचिव डॉ. रविंद्र देवकर ने बताया कि मनपा के प्रमुख अस्पतालों का नेतृत्व यानी संचालक पद पर डेंटल विभाग के स्नातक विराजित है। 

अब तक नहीं हुई प्राध्यापकों की भर्ती

डॉ. देवकर ने बताया कि सात साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सहायक प्राध्यापकों की भर्ती मनपा अस्पतालों में नहीं हो सकी है। इससे यहां के मेडिकल कॉलेज में पढ़नेवाले मेडिकल स्टूडेंट प्रभावित हो रहे है। उन्होंने बताया कि मनपा के कई अस्पताल जर्जर अवस्था में हैं। जिस पर न अस्पताल के डीन ध्यान दे पा रहे है और न ही संचालक। 

Created On :   22 March 2023 8:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story