निग्रंथ पद पाना अत्यंत कठिन , यह आखरी तक रहता है : आचार्य सुवीरसागर

It is very difficult to get the post of nigrantha, it lasts till the end Acharya Suvirsagar
निग्रंथ पद पाना अत्यंत कठिन , यह आखरी तक रहता है : आचार्य सुवीरसागर
निग्रंथ पद पाना अत्यंत कठिन , यह आखरी तक रहता है : आचार्य सुवीरसागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  संसार में लौकिक पद पाना सरल है, पर निग्रंथ पद पाना बहुत कठिन है। यह पद आखिरी तक रहता है और परम्परा से मोक्ष को प्राप्त करता है।  यह उद्गार आचार्य सुवीरसागरजी ने अपने प्रवचन में श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, तुलसीनगर में  व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि  आचार्य समन्तभद्र विरचित रत्नकरंड श्रावकाचार में श्रावक की चर्या का प्रतिपादन किया गया है। श्रावक के लिए इस ग्रंथ का स्वाध्याय करना आवश्यक है। संसार में संस्थाओं के पद पाना अत्यंत सरल है। पर निग्रंथ पद पाना अत्यंत कठिन है। यह पद गुरुकृपा और पुण्य से ही प्राप्त होता है। जब गुरु संस्कार करते तब मुनि पद को  प्राप्त होते हैं। गुरु के पास भक्ति उमड़ती है। जिसके हृदय में चारित्र उमड़ता है, वह सच्चा भक्त कहलाता है। शास्त्र की गाथा याद करना सरल है, लेकिन जीवन में उतारना कठिन है। हम गुरु को कितना मानते यह मायना नहीं रखता, गुरु हमें कितना मानते हैं, यह मायना रखता है। गुरु काे सुनने वाला ही भक्त होता है। 

पुद्गल पाषाण-धातु की मुर्ति पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर ने संस्कार किए, तो वे भगवान बन गए। चेतन पर दृष्टि पड़ जाए, तो चेतनत्व प्राप्त हो जाता है। उपयोग और ध्यान यह धर्म साधना के लिये उपयुक्त दो पहलू हैं। उपयोग अच्छी तरह से करो और ध्यान, ध्यान से करो। अशुभ, शुभ और शुद्ध तीनों का आधार आधेय संबंध से चलते है। चार गति और चार आयु का आधार आधेय संबंध है। संस्था का अध्यक्ष बनाना सरल है, पर आत्मा का अध्यक्ष बनना कठिन है।  परवार, सैतवाल, बघेरवाल, खंडेलवाल, नागदा उपजातियां हैं।

व्यवस्थाएं साधु संघ के अनुसार होती है। इसमें इन्हीं साधु को मानूंगा, ऐसा विकल्प नहीं होना चाहिए।  चित्रानावरण एवं दीपप्रज्वलन चातुर्मास कमेटी के संयोजक विवेक सोईतकर, कोषाध्यक्ष प्रदीप काटोलकर, उपमंत्री दिनेश जैन, प्रचार मंत्री हीराचंद मिश्रीकोटकर, गिरीश हनुमंते, सुधा चौधरी, प्रतिभा जैन व सुक्कू जैन नेे किया। चरण प्रक्षाल मंदिर कमेटी एवं जैन सेवा संघ ने किया। जिनवाणी भेंट प्रतिभा जैन कन्हीवाडा आदि ने की। संचलन मंत्री अरविंदकुमार जैन तथा संतोष नेताजी ने किया। प्रमुखता से परवार मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी, चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष पवन जैन कान्हीवाडा, महेश नायक, महामंत्री पंकज बोहरा, मंत्री जयमामू, कोषाध्यक्ष चंद्रकुमार चौधरी, ज्ञानोदय सेवा संघ के संजय नेताजी, जीतू जैन, आशीष जैन उपस्थित थे।  

गाजे-बाजे के साथ हुई अगवानी 
गुरुवार को आचार्यश्री ससंघ श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर तुलसीनगर पधारे। गाजे-बाजे के साथ मंदिर कमेटी ने सुबह 8 बजे आचार्यश्री व संघ की अगवानी धूमधाम से की। आचार्यश्री का पूजन मंदिर कमेटी, सजग महिला मंडल एवं जैन सेवा संघ ने किया। शुक्रवार को सुबह 8.30 बजे प्रवचन होंगे। दोपहर 3.30 बजे स्वाध्याय, शाम 6.00  बजे आरती व गुरुभक्ति तथा रात 9 बजे वैयावृत्ति होगी। 
     

Created On :   29 Nov 2019 12:18 PM IST

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