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शहर से दूर जलाभिषेक अभियान
डिजिटल डेस्क, पन्ना। मंदिरों के साथ झीलों की नगरी के नाम से पन्ना शहर को जाना जाता रहा है झीलों की नगरी का नाम पन्ना शहर को इस वजह से मिला क्योकि इस शहर में राजा महाराजाओंं द्वारा बनाये गये तालाब और तलैयां शहरवासियों के शान रहे है परंतु राजाशाही समय में बनाये गये तालाबों और तलैयों की उपेक्षा के परिणाम स्वरूप शहर ज्यादतर तलैयां विलुल्पत हो चुकी है। तालाबों का अस्तित्व भी धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। तालाबों तक बरसात का पानी जिन रास्तों से पहँुता था वे रास्ते न केवल बंद हो चुके है बल्कि उनका अस्तित्व भी मिटा दिया गया है। जिसका परिणाम अब जल त्रासदी के रूप में सामने दिखाई देने लगा है। पन्ना शहर में लोपाल सागर, धरमसागर, सिंह सागर, मठ्या तालाब, दहलान तालाब, महाराज सागर, कमलाबाई तालाब और निरपत सागर तालाब आदि लगभग सूखकर खाली हो चुके है। ऐसे में इन तालाबों की संरक्षण के लिये काम करने की जरूरत है। तालाबों की साफ-सफाई केे और आवश्कतानुसार जहां पर गहरीकरण किया जाना संभव है वहां पर नगर पालिका तथा प्रशासन को कार्य योजना तैयार कर कार्य कराये जाने की जरूरत है। अभी गर्मी के लगभग तीन माह बचे हुये है ऐसे में जलाभिषेक अभियान की कार्य योजना तैयार कर तालाबों की साफ-सफाई सौदर्यीकरण और गहरीकरण के कार्य प्रारंभ कर दिये जाने चाहिये किन्तु तालाबों के संरक्षण को लेकर नगर पालिका और प्रशासन की कोई भी पहल सामने नही आना चिंताजनक है। शहर के कई तालाबों की जमींन पर अतिक्रमण माफियांआों का कब्जा है जिसके संबंध में पूर्व में सीमांकन से अतिक्रमण की स्थितियां भी स्पष्ट हो चुकी है। लोकपाल सागर तालाब में अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर बेदखली संबंधी कागजी कार्यवाहियां तीन साल पूर्व की गई थी उन अतिक्रमणकारियों का कब्जा ज्यों का त्यों बरकार है। प्रशासन एक ओर जहां अतिक्रमणकारियों पर कड़ी कार्यवाही की दावे कर रहा है वहीं तालाबों की बेशकीमती भूमि पर काबिज अतिक्रमणकारियों को लेकर उसकी चुप्पी सवालों के घेरो में है।
किलाकिला फीडर कैनांल का आखिर कब होगा निर्माण
धरम सागर, ङ्क्षसह सागर तालाब तथा लोकपाल सागर तालाब को फीड करने के लिये किलाकिला फीडर कैनांल योजना पर काम कब से शुरू होगा। इस सवाल का जबाव शहरवासी ही नहीं अपितु आध दर्जन से अधिक गांव के वे किसान जो लोकपाल सागर की नहर से सिंचाई के लिये पानी लेतें रहे है लंबे समय से पूछ रहे है। ०६ करोड़ से भी अधिक की राशि किलाकिला फीडर प्रोजेक्ट के लिये मंजूर हो चुकी है। बताते है इसका टेन्डर भी लग चुका है परंतु किलाकिला फीडर पर कब काम शुरू होगा इसको लेकर संदेह इसलिये जाहिर किया जा रहा है कि जिला प्रशासन इस जन्म हितैषी जल संरक्षण की योजना को शुरू करवाने को लेकर दूर-दूर तक प्रतिबध नजर नही आ रहे है जिसे इस रूप में समझा जा सकता है पुरानी किलाकिला फीडर कैनांल जिस रास्ते से बनाई गई थी उस पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर मकान बना लिये है अवैध रूप सें किये गये कब्जें को हटाये बिना किलकिला फीडर कैनांल का कार्य पूरा होना संभव ही नही है। जिला प्रशासन यदि प्रतिबद्धता दिखाये तो अब जब गर्मी का वक्त है अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने की कार्यवाही शुरू कर सकता है। बरसात के वक्त बेदखली की कार्यवाही संभव नही होगी।
Created On :   18 April 2022 4:32 PM IST