जनजागृति समिति ने कहा - परंपरागत होली ही मनाएं, मना करने वालों को लगाई फटकार

Janajagruti Samiti said - Celebrate holi festival traditionally
जनजागृति समिति ने कहा - परंपरागत होली ही मनाएं, मना करने वालों को लगाई फटकार
जनजागृति समिति ने कहा - परंपरागत होली ही मनाएं, मना करने वालों को लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ राज्य संगठक सुनील घनवट ने पर्यावरण पूरक होली मनाने की सलाह देने वालाें पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि होली त्योहार अमंगल विचारों को मात देकर सद्प्रवृत्ति का मार्ग दिखाता है। पुरोगामी विचारधारा के लोग होली पर्यावरण पूरक तथा होली में रोटी दान करने का अपप्रचार कर हिंदू धर्म की मान्यताओं पर आघात करने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी विचारधारा का विरोध कर होली धर्मशास्त्र संगत मनाने का पत्र परिषद में हिंदुओं से आह्वान किया।

हिन्दू धर्म की परंपराओं पर आघात करने का आरोप
घनवट ने कहा कि अंनिस जैसे पुरोगामी संगठन हिंदू धर्म की परंपराओं पर आघात कर रहे हैं। गणेशोत्सव में मूर्ति दान करो, महाशिवरात्रि में शिवलिंग पर दूध मत बहाओ, उसी गरीबों में बांटो आदि प्रचार कर अपने-आप को विवेकवादी साबित करने में लगे हैं। हिंदू धर्म में दान कोई नई बात नहीं है। जिस संगठन के पास विदेशों से आया करोड़ों रुपए धन व्यर्थ पड़ा है। उन्हें हिंदू धर्म को दान करने की प्रवृत्ति का पाठ पढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है। मुस्लिम समाज मदरसों में इस्लाम की शिक्षा देता है। क्रिश्चियन समाज चर्च और कान्वेंट के माध्यम से बायबल की शिक्षा देता है।

हिंदू समाज का दुर्भाग्य है कि मंदिरों या स्कूल, महाविद्यालयों में धर्म की शिक्षा देने की व्यवस्था नहीं है। नतीजा हिंदू धर्म के लोगों को शास्त्र के अनुसार क्या करना चाहिए, इस बात का ज्ञान नहीं मिल पाता। इसी का गैरफायदा उठाकर नास्तिक विचारधारा के लोग हिंदुओं के बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। होली का त्योहार सामने हैं। कचरे की होली मनाने की सलाह दे सकते हैं। परंतु कचरे में प्लास्टिक तथा अन्य घटक जलने से प्रदूषण का स्तर किस हद तक बढ़ सकता है, इस बात का उन्हें अंदाजा नहीं है। शबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो परंपरा सदियों से चली आई है, उसमें राजनीतिक और न्याय व्यवस्था को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पत्र परिषद में एड. वैशाली परांजपे, रमेश अग्रवाल, मंगला पागनीस, अतुल अर्वेन्ला उपस्थित थे। 

हिंदू धर्म मूलत: पर्यावरण पूरक
हिंदू धर्म मानता है कि चर-चर में भगवान हैं। पेड़ों में भगवान है, इसलिए उसे पूजा जाता है। हरा-भरा पेड़ तोड़ने का कहीं भी उल्लेख नहीं है। सूखे पेड़ की लकड़ी होली में जलाने का हिंदू धर्म में उपदेश है। हिंदू धर्म मूलत: पर्यावरण पूरक है। अन्य किसी भी धर्म में इस तरह का उपदेश नहीं है। समय-सयम पर सर्वधर्म समभाव का राग आलापने वाले अन्य धर्म के लोगों को क्यों नहीं पाठ पढ़ाते। यह प्रश्न उपस्थित कर, ऐसे लोगों से सतर्क रहने की उन्होंने अपील की।
 

Created On :   20 March 2019 1:09 PM IST

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