जेडीयू का आरोप, शिक्षा का बाजारीकरण करना चाहती है सरकार

JDU said the Government wants to make marketing in education
जेडीयू का आरोप, शिक्षा का बाजारीकरण करना चाहती है सरकार
जेडीयू का आरोप, शिक्षा का बाजारीकरण करना चाहती है सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में जेडीयू के सदस्य कपिल पाटील ने सदन में निजी कंपनियों को नए स्कूल खोलने की अनुमति देने संबंधी विधेयक की प्रति फाड दी। शुक्रवार को राज्य सरकार ने सदन में महाराष्ट्र स्वयं आर्थिक सहायता स्कूल (स्थापना व विनियमन) संशोधन विधेयक पेश किया। इस पर चर्चा के दौरान शिक्षक विधायक पाटील ने कहा कि सरकार कंपनी कानून ला रही है। इस विधेयक के जरिए सरकार शिक्षा का बाजारीकरण करना चाहती है। पाटील ने कहा कि इस विधेयक के जरिए सरकार कंपनियों के लिए स्कूल खोलने का द्वार खोल रही है। पाटील ने कहा सदन में यह विधेयक मंजूर होता है तो कॉरपोरेट कंपनी को राज्य में नए स्कूल खोलने का मौका मिल जाएगा और इससे शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। इससे समाज के गरीब तबके के लोग शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। यदि कोई कंपनी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल खोलना चाहती है तो उसके लिए सरकार आसानी से अनुमति देगी। सभी सहूलियतें मुहैया कराई जाएंगी। यदि कोई कंपनी मौजूदा स्कूल का दर्जा बढ़ाना चाहती है तो इसके लिए भी मंजूरी दी जाएगी। पाटील ने चर्चा के आखिर में विधेयक का विरोध करते हुए विधेयक की कापी फाड़ दी। शुक्रवार को यह विधेयक विधान परिषद में मंजूर नहीं हो सका। सदन में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि इस विधेयक पर सदन के दूसरे सदस्यों को भी बोलना है। इसलिए सोमवार को सदन में इस विधेयक पर चर्चा करने की अनुमति दी जाए। सभापति रामराजे निंबालकर ने मांग पर सहमति जताई।  इससे पहले सरकार ने विधानसभा में इस विधेयक 20 दिसंबर 2017 को मंजूर कराया था। 

अमरावती सहित पांच जिलों में शुरु होंगे नर्सिंग पाठ्यक्रम 
उधर प्रदेश के पांच जिले में बेसिक बीएससी नर्सिंग पाठ्क्रम शुरू किए जाएंगे। यह पाठ्क्रम अमरावती, नाशिक, सातारा, ठाणे और सिंधदुर्ग जिले में शुरू किया जाएगा। विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने यह जानकारी दी। सावंत ने कहा कि राज्य भर में दो चरणों में बीएससी नर्सिंग पाठ्क्रम शुरू किया जाएगा। शुक्रवार को सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से राष्ट्रवादी कांग्रेस सदस्य विक्रम काले ने इस बारे में मुद्दा उठाया था। इस पर सावंत ने कहा कि भारतीय नर्सिंग परिषद के निर्देश के अनुसार नर्सिंग पाठ्क्रम के उन्नयन (अपडेट) का काम 2022 तक पूरा करना है। इसके अनुसार प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय के नियंत्रण वाले जीएनएम प्रशिक्षण पाठ्क्रम का उन्नयन करके बेसिक बीएससी नर्सिंग पाठ्क्रम शुरू किया जाएगा। सावंत ने कहा कि राज्य में नर्सों (परिचारक) के गणवेश, आहार समेत विभिन्न भत्तो को बढ़ाने का फैसला तीन महीने में कर लिया जाएगा। सावंत ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार प्रदेश में 6 माह के भीतर नर्सिंग निदेशालय शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नर्सिंग निदेशालय शुरू करने के बारे में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग को कार्यवाही करना है। मैं खुद अपने स्तर पर इसके लिए कोशिश करूंगा। 

Created On :   16 March 2018 3:18 PM GMT

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