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कार्डियक एंबुलेंस नहीं मिलने से पुणे में पत्रकार की मौत, विपक्ष का सरकार पर हमला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे में एक मराठी न्यूज चैनल के पत्रकार पांडुरंग रायकर की जम्बो कोविड सेंटर में इलाज की सुविधा के अभाव में बुधवार को मौत हो गई। उनके परिजनों का आरोप है कि पांडुरंग को जम्बो कोविड सेंटर से पुणे के ही दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती करने के लिए समय पर कार्डियक एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण उनकी मौत हुई है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी मामले की जांच का आश्वासन दिया है। टोपे ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को कोरोना के मरीजों के लिए एंबुलेंस मुफ्त में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पांडुरंग की बहन ने कहा कि पुणे में करोड़ों रुपए खर्च करके कोविड सेंटर बनाए गए हैं लेकिन सरकार एक कार्डियक एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकती है। उन्होंने कहा कि मेरे भाई पांडुरंग की मौत केवल एक कार्डियक एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण हुई है। बहन ने कहा कि पांडुरंग को मंगलवार को दिन भर कोविड सेंटर में भोजन भी नहीं मिल पाया था। मूल रूप से अहमदनगर में रहने वाले पांडुरंग की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें जिले के कोपरगांव में स्थित एक निजी अस्पातल में भर्ती कराने की कोशिश की गई थी। लेकिन परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रशासन ने पहले 40 हजार रुपए जमा कराने की मांग की थी। तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद पांडुरंग को अहमदनगर से पुणे लाया गया था। इस पर भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटील ने कोपरगांव के निजी अस्पताल और पुणे में इलाज की सुविधा नहीं मिलने की जांच कराने की मांग की है।
विपक्ष का सरकार पर हमला
पत्रकार पांडुरंग की मौत के बाद विपक्षी दल भाजपा ने महाविकास आघाड़ी सरकार पर तीखा हमला बोला है। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने सरकार से पांडुरंग के परिजनों को 50 लाख रुपए देने की मांग की है। भातखलकर ने कहा कि पांडुरंग की मौत ठाकरे सरकार की निष्क्रियता के कारण हुई है। इसलिए सरकार के खिलाफ सदोष मानव वध का मामला दर्ज होना चाहिए। जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पांडुरंग के परिजनों को पार्टी की ओर से 5 लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की है। पाटील ने सरकार से पत्रकारों को 50 लाख रुपए का बीमा कवच भी देने की मांग की है। वहीं भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के इस्तीफे की मांग की है। सोमैया ने हा कि टोपे कोरोना से निपटने में विफल साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कोरोना पर ध्यान देना चाहिए। विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। जबकि विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में सबसे अधिक घर में रहने वाले मुख्यमंत्री ठाकरे हैं। कोरोना संकट में अपवादात्मक स्थिति को छोड़कर मुख्यमंत्री कभी भी अपने घर निजी घर मातोश्री से बाहर नहीं निकले हैं।
उपमुख्यमंत्री की असंवेदनशीलता
पत्रकार पांडुरंग की मौत के बाद उपमुख्यमंत्री अजित की असंवेदनशीलता सामने आई है। बुधवार को राकांपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में अजित शामिल हुए। जनता दरबार से निकलते समय जब अजित से मीडिया ने पांडुरंग को लेकर सवाल पूछा तो वे बिना कुछ बोले पार्टी कार्यालय से निकल गए। इसके बाद मीडिया कर्मी उनकी गाड़ी तक गए इसके बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
Created On :   2 Sept 2020 9:15 PM IST