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बस एक सिरिंज पेट्रोल, समझो हो गया मीटर का डिस्प्ले तमाम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बस एक सीरिंज पेट्रोल बिजली मीटर का डिस्प्ले का काम तमाम कर सकता है। बिजली चोरी का यह फंडा इन दिनों अपनाए जाने की जानकारी है। चर्चा है कि इस तरह की बिजली चोरी में मध्यप्रदेश सबसे आगे है। बिजली चोरी रोकने के लिए जहां वितरण कंपनियां नई -नई तकनीक अपनाती हैं, वहीं बिजली चोरी करने वाले उस तकनीक का तोड़ निकाल लेते हैं। जानकारी के अनुसार, अब बिजली चोरी के लिए पेट्रोल का प्रयोग हो रहा है। बस, एक सीरिंज पेट्रोल से डिस्प्ले रीडिंग ही नहीं दिखाएगा, तो बिल एवरेज ही आएगा। सीरिंज में पेट्रोल भर कर मीटर के डिजिटल डिस्प्ले में निडिल के द्वारा डाल दिया जाता है। पेट्रोल का वाष्पीकरण हो जाता है और निडिल का बारीक छेद दिखता नहीं, पर यह डिस्प्ले को खराब कर देता है। हाल में मध्य प्रदेश में बिजली चोरी के ऐसे लगभग 27 मामले पकड़े गए हैं।
बिजली चोरी के तरीके भी कम नहीं
पहले जब इलेक्ट्रो मैकेनिकल मीटर थे, तब मीटर की चकरी के चक्करों को धीमा करने मीटर पर चुंबक लगा दिया जाता था या फिर मीटर को खेालकर उसके अंदर एक्सरे फिल्म आदि फंसा देते थे ताकि चकरी धीमे घूमे। इसके अलावा अंदर लगी क्वाइल को काट कर भी मीटर धीमा किया जाता था। बाद में वितरण कंपनियों ने डिजिटल मीटर लगाए। इसके बाद लोगों ने रेसिसटेंट लगाकर व रिमोट और रेजिस्टेंट के द्वारा बिजली चोरी शुरू की। रिमोट से जब चाहा मीटर बंद कर दिया और जब चाहा चालू कर दिया। फिर एंटी-मैगनेट मीटर बनाया गया व मीटर के अंदर एक चिप भी लगाई गई, ताकि मीटर से की गई छेड़छाड़ को रिकार्ड किया जा सके। इसके बाद अब बिजली चोरी के लिए नई तकनीक अपनाई जाने लगी है। इसमें पेट्रोल डाल कर डिस्प्ले ही खराब कर दिया जाता है।
कानून का भी डर नहीं
बिजली चोरी को आमतौर पर उपभोक्ता अभी भी अपराध नहीं मानता। लेकिन भारतीय विद्युत अधिनियम में इसके लिए कड़े कानून बने हैं। बिजली चोरी में पकड़े जाने पर विद्युत आपूर्ति तो तुरंत बंद होगी ही। साथ ही यह अपराध संज्ञेय व गैर-जमानती है। बिजली चोरी की गणना करते समय घर में लगी बत्तियों व प्लगों को गिनकर जितनी यूनिट बिजली चोरी ज्ञात होती है, उसे दोगुना माना जाता है। उतनी रकम के साथ कंपाउंडिग राशि भी अलग से देनी होती है। यह वर्तमान में 1 किलोवाट के लिए 2 हजार रुपए है। इसके अलावा यदि प्रकरण कंपाउंडि़ग नहीं होता है, तो अधिकतम 3 वर्ष का कठोर कारावास व जुर्माना का प्रावधान है।
जांच के निर्देश दिए गए हैं
यह मामला गंभीर है। आग लगने की भी आशंका है। इस तरह के प्रकरण हालांकि अभी नागपुर में पकड़े नहीं गए हैं, लेकिन इसे ध्यान में रखते हुए मीटरों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। चोरी पकड़ी गई तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- योगेश विटनकर, जनसंपर्क अधिकारी, नागपुर परिक्षेत्र, महावितरण
Created On :   18 Jan 2018 10:35 AM IST