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मराठा आरक्षण को वैध ठहरानेवाले हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मोरे का मेघालय हुआ तबादला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति आरवी मोरे का मेघालय हाईकोर्ट में तबादला कर दिया गया हैं। न्यायमूर्ति मोरे ने हाईकोर्ट में रहते हुए मराठा आरक्षण को वैध ठहराने जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। इसके अलावा न्यायमूर्ति ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को भी आदर्श घोटाले मामले में राज्यपाल की मंजूरी से जुड़े मामले में राहत प्रदान की थी। इसके साथ ही वे हाईकोर्ट में उस खंडपीठ का भी हिस्सा थे जिसने 26-11 आतंकी हमले के मामले में दोषी पाए गए आतंकी अजमल कसाब की फांसी को कायम रखा था। गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से श्री मोरे के तबादले के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। मोरे ने शिवाजी विश्वविद्यालय (कोल्हापुर) से एलएएलबी की डिग्री ली थी। फिर मुंबई विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री ली थी। इसके बाद हाईकोर्ट में वकालत की शुरुआत की थी। साल 2006 में श्री मोरे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने थे।
भाजपा सांसद जय सिध्देश्वर ने जाति प्रमाणपत्र को अवैध ठहराए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की याचिका
सोलापुर इलाके से भारतीय जनता पार्टी के सांसद डाक्टर जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य ने उनकी जाति प्रमाणपत्र को अवैध ठहराए जाने के निर्णय के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पिछले दिनों सोलापुर जिला जाति प्रमाणपत्र वैधता कमेटी ने सांसद शिवाचार्य के जाति प्रमाणपत्र को फर्जी पाया था और उसे स्वीकर करने से इंकार कर दिया था। कमेटी के इस निर्णय को सांसद शिवचार्य ने कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में दावा किया गया है कि जाति सत्यापन से जुड़ी कमेटी ने याचिकाकर्ता को अपनी बात रखने व दस्तावेजी सबूत पेश करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया है। इसके साथ ही मेरी जाति प्रमाणपत्र को लेकर शिकायत देनेवाले शिकायतकर्ता प्रभावित लोग नहीं है। इसलिए उनके पास मेरे किलाफ शिकायत करने का हक नहीं है। इसके अलावा मेरी जाति के दावे से जुड़े कुछ दस्तावेज मोडी लिपि में थे। जांच अधिकारी को इस लिपि के बारे में जानकारी नहीं थी। इसलिए उन्हें इन दस्तावेज को लेकर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। मैंने अपनी जाति को लेकर करीब 104 साल पुराने दस्तावेज दिए थे। याचिका में जाति प्रमाणपत्र को लेकर विजलेंस सेल( सतर्कता प्रकोष्ठ ) की ओर से सौपी गई रिपोर्ट पर भी आपत्ति जताई गई है। याचिका में मांग की गई है कि समिति के 20 फरवरी 2020 के उस निणर्य को रद्द कर दिया जाए जिसके तहत मेरे जाति प्रमाणपत्र के दावे को अस्वीकार किया गया है। याचिका में कहा गया है कि मुझे शिकायतकर्ता की ओर से दिए गए दस्तावेजों की प्रति भी उपलब्ध कराई जाए। गौरतलब है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में सोलापुर की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। इसी सीट से शिवाचार्य ने चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे व वंचित बहुजन अघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर को हराकर जीत हासिल की थी।
तुम्मोड औरंगाबाद सिडको के मुख्य प्रशासक बने
हिंगोली जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एच.पी.तुम्मोड की औरंगाबाद में सिडको के मुख्य प्रशासक पद नियुक्ति की गई है। गुरुवार को प्रदेश सरकार ने तुम्मोड का तबादला किया।
Created On :   27 Feb 2020 9:25 PM IST