सरकार के खिलाफ बोलने पर तोड़ा गया कंगना का ऑफिस, हाईकोर्ट में वकील का दावा

Kanganas office was broken for speaking against the government, lawyers claim in High Court
सरकार के खिलाफ बोलने पर तोड़ा गया कंगना का ऑफिस, हाईकोर्ट में वकील का दावा
सरकार के खिलाफ बोलने पर तोड़ा गया कंगना का ऑफिस, हाईकोर्ट में वकील का दावा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका से जानना चाहा है कि उसने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले के जिस हिस्से को गिराया है वह निर्माणधीन था, या उसका अस्तित्व पहले से था। इस दौरान कंगना के वकील ने दावा किया कि सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने की वजह से मनपा ने यह तोड़क कार्रवाई की। मनपा ने कंगना के बंगले पर नौ सितंबर 2020 को तोड़क कार्रवाई थी। जिसे कंगना ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति एस जे काथावाला व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने कहा कि आखिर मनपा ने कंगना के बंगले के ग्राउंड फ्लोर के कई हिस्सों को क्यों गिराया है। मनपा के मुताबिक कंगना ने मनपा की मंजूरी के बिना बंगले के ढांचे में बदलाव किया है। जबकि कंगना ने अपनी याचिका में दावा किया है कि मनपा ने जिस ढांचे को गिराया है वह पहले से अस्तिव में थे। याचिका में घर में हुई पूजा के फोटो होने का भी दावा किया गया और कहा कि जिस हिस्से को गिराया गया है वह पहले से था। इसकी तस्वीरे पत्र-पत्रिकाओं में भी छपी है। इसलिए मनपा का यह आरोप सरासर गलत है जिसमें कहा गया है कि बंगले में निर्माण कार्य जारी था।

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि हम जानना चाहते है कि मनपा ने कंगना के बंगले के जिस हिस्से को गिराया वह निर्माणाधीन था या वह पहले से वहां पर बना था। क्योंकि बीएमसी कानून की धारा 354 ए के तहत मनपा सिर्फ निर्माणधीन अवैध निर्माण को रोक सकती है। इससे पहले कंगना की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र श्राफ ने कहा कि मनपा के अधिकारियों ने जब मेरे मुवक्किल के बगले के खिलाफ कार्रवाई की तो वहां पर वॉटर प्रूफिंग का काम चल रहा था। इसके लिए जरुरी अनुमति भी ली गई थी। उन्होंने दावा किया कि बंगले में कोई अवैध निर्माण नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मनपा ने बंगले को लेकर जो तस्वीरे पेश की है उसमे किसी डिजीटल समय का उल्लेख नहीं है। मनपा की कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है। मेरे मुवक्किल ने राज्य सरकार पर अलोचनापूर्ण टिप्पणी की थी। इसलिए मनपा ने कार्रवाई की है।

इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम इस बात को देखेंगे कि बंगले में निर्माण कार्य चल रहा था कि नहीं। खंडपीठ ने कंगना के वकील को कहा कि वे बताए कि जिस ढांचे को गिराया गया है वह जनवरी 2020 से पहले था कि नहीं। खंडपीठ ने मनपा के हलफनामे पर गौर करने के बाद पाया कि कंगना ने अपने बंगले के ग्राउंड फ्लोर के प्रवेश द्वारा को बदला था पर प्रवेश द्वार के अलावा ग्राउड फ्लोर में कई चीजों को गिराया गया है। इसलिए हम सोच रहे है कि जब ग्राउंड फ्लोर में काम नहीं चल रहा था तो वहां तोड़क कार्रवाई कैसे की गई। सोमवार को भी इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी। 
 

Created On :   25 Sept 2020 9:00 PM IST

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