मंदिरों में कार्तिक मास : सुबह काकड़ आरती के साथ बज रही घंटियां, विविध धार्मिक कार्यक्रम

Kartik month in temples: bells ringing with Kakad Aarti in the morning, various religious programs
मंदिरों में कार्तिक मास : सुबह काकड़ आरती के साथ बज रही घंटियां, विविध धार्मिक कार्यक्रम
मंदिरों में कार्तिक मास : सुबह काकड़ आरती के साथ बज रही घंटियां, विविध धार्मिक कार्यक्रम

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कार्तिक मास चल रहा है। इन दिनों मंदिरों में प्रकाश पर्व दीपावली की तैयारियां  जोर-शोर से जारी हैं। अनेक मंदिरों में कार्तिकेय महात्म्य कथा चल रही है। 
संकट मोचन हनुमान मंदिर
संकट मोचन हनुमान मंदिर, भंडारा रोड, पूर्व वर्धमान नगर में जारी कार्तिकेय महात्म्य कथा में पं. चंद्रमणि शुक्ला ने अपनी अमृतमय वाणी में कहा कि एक समय जलंधर पत्नी सहित असुरों से सम्मानित होकर बैठा था। इस दौरान कीर्तिवान शुक्राचार्य वहां पहुंचे। शुक्राचार्य के प्रकाश से सब दिशाएं प्रकाशित हो गईं। सभी असुरों ने उनको प्रणाम किया। जलंधर ने शुक्राचार्य से प्रश्न किया कि राहु का सिर किसने काटा था? शुक्राचार्य ने उत्तर में कहा कि समुद्र मंथन के समय राहु का सिर भगवान विष्णु ने काटा था। आयोजन की सफलतार्थ अध्यक्ष शिवकिसन अग्रवाल, सागरमल अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, संतोष यादुका, अशोक अग्रवाल, मनोहरलाल अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल आदि प्रयास कर रहे हैं। कथा का समय नित्य सुबह 6 से 6.45 बजे तक रखा गया है।

नृसिंह मंदिर
नृसिंह मंदिर, धारस्कर रोड, इतवारी में कार्तिक महात्म्य ज्ञानयज्ञ कथा महंत रोहितदास शर्मा के मार्गदर्शन में जारी हैै। पं. प्रमोदकुमार पांडेय ने अपनी अमृतमय वाणी में कहा कि धस्मर जलंधर का बड़ा निपुण दूत था। वह इंद्र की सुधर्मा नामक सभा में जा पहुंचा। धस्मर ने ललकार कर इंद्र  से पूछा- तुमने समुद्र को क्यों मथा और सब रत्नों को क्यों ले लिया? वह सब रत्न वापस कर दो वर्ना तुम्हारा सब राज्य विध्वंस कर दूंगा। इंद्र ने कहा कि जो भी मेरा द्रोही है, वह सुखी नहीं रह सकता। इस कारण मैंने सब रत्नों पर कब्जा कर लिया है। आयोजन की सफलतार्थ पुरुषोत्तम मालू, दामोदर तोष्णीवाल, आनंदीलाल दुबे, शांतिबाई, मीरा, शारदा, संध्या सोनी आदि प्रयासरत हैं। पं. आनंदीलाल के अनुसार कथा का समय सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक रखा गया है।

थाड़ेश्वरी राम मंदिर
थाड़ेश्वरी राम मंदिर, तिलक पुतला, महल में दीपावली की तैयारियां महंत माधवदास महाराज के मार्गदर्शन में जोर-शोर से चल रही हैं। 25 अक्टूबर को धनतेरस, 26 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी एवं 27 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। 28 अक्टूबर को गिरिराज पूजा एवं शाम 7 बजे अन्नकूट का प्रसाद वितरण होगा। भक्तों से अन्नकूट प्रसाद का लाभ लेने का निवेदन यशदास वैष्णव ने किया है।

 कार्तिक माह में आरती का लाभ लें 
दीपावली पर्व व कार्तिक मास की महत्ता बताते हुए द्वारकाधीश मंदिर, धारस्कर रोड, इतवारी के पुजारी पं. गोपाल दाधीच ने कहा कि सुबह 6 बजे नित्य कार्तिक स्नान कर आरती का लाभ मंदिर में प्राप्त करें। 25 अक्टूबर को धनत्रयोदशी, 26 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी तथा 27 अक्टूबर को दीपावली के मुख्य दिन पर लक्ष्मी पूजा होगी। 1 नवंबर को अन्नकूट होगा। अधिक जानकारी के लिए मंदिर में पं. दाधीच से संपर्क कर सकते हैं। 
 

Created On :   22 Oct 2019 6:03 AM GMT

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