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अब भी पोस्ट कार्ड से भेजते हैं फरमाईश, रेडियों पर संगीत सुनने का ऐसा चस्का

डिजिटल डेस्क,अमरावती। डिजिटल क्रांति के इस नए दौर में आज भी रेडियो पर गाने सुनने के लिए 'पोस्ट कार्ड' का इस्तेमाल हो रहा है। अमरावती में लोग आज पर रेडियो पर अपने पंसदीदा गाने सुनने के लिए पीले पोस्ट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।अमरावती आकाशवाणी केंद्र को शुरू हुए मात्र चार साल ही हुए हैं। पिछले दो सालों में अपने मनोरंजक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं जागरुकता जैसे विषयों के प्रोग्राम के जरिए अमरावती आकाशवाणी ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है।
कार्यक्रम प्रमुख सुनालिनी शर्मा ने बताया कि अमरावती आकाशवाणी श्रोताओं की पसंद को देखते हुए विशेष मधुमालती कार्यक्रम का प्रसारण करता है। मधुमालती में गीतों की फरमाइश के लिए श्रोता आज भी पोस्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। यह पोस्टकार्ड देख कर ही श्रोताओं के क्रेज का पता चलता है। रेडियो की दीवानगी इस पोस्टकार्ड पर बनाए गए विभिन्न चित्र के जरिए जान पड़ती है। श्रोता केवल पसंदीदा गाने का नाम ही नहीं बल्कि इस पोस्ट कार्ड पर अपनी कल्पना को साकार करने वाले चित्र भी बनाते हैं। यहीं नहीं कुछ श्रोता गीत और फिल्म का नाम के साथ ही अभिनेताओं के चित्र भी पोस्टकार्ड पर लगाते हैं।इन सभी पोस्टकार्ड में गीत की फरमाइश के अलावा एक और खास बात होती है। वह है गीत की फरमाइश करने वाले श्रोताओं के नाम। यदि किसी परिवार से फरमाइश की जाती है, तो बड़े से लेकर बच्चों तक के नाम पोस्टकार्ड पर लिखे जाते हैं।
वक्त बदला, चीजें नहीं
समय के साथ चीजें बदलती जा रही है लेकिन आज भी ऐसे लोग मौजूद है जो पुराने जमाने के रेडियो सेट संभाल कर रखे हुए हैं। इस बात से रेडियो के साथ उनके गहरे रिश्ते का सबूत मिलता है। किसी जमाने में रेडियो लिसनर ग्रुप भी हुआ करता था। आज भले ही ऐसे ग्रुप नहीं है, लेकिन मोबाइल से लेकर विभिन्न प्रकार के सेट में रेडियो की सुविधा प्राप्त होने से सुनने का केवल तरीका बदला है। दीवानगी आज भी बरकरार है।
Created On :   14 July 2017 12:07 PM IST