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जानिए - मुंबई की पारिवारिक अदालत में पांच महीने बाद ही क्यों शुरु हो पा रही है सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन ने बांबे हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कर पारिवारिक अदालत की ढांचा गत सुविधाओं को मजबूत बनाने की मांग की गई है। पत्र में कहा गया है कि पारिवारिक अदालत के फाइलिंग विभाग में स्टाफ की कमी है। जिसके चलते याचिका दायर करने के चार से पांच महीने बाद याचिका सुनवाई के लिए आती है। इसके चलते पहले से भावनात्मक रुप से परेशान पक्षकरों व याचिकाकर्ताओ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पारिवारिक न्यायालय की पालक न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे को लिखे पत्र में बांद्रा स्थित फैमिली कोर्ट के कामकाज के तौर तरीके की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही कोर्ट में कम्प्यूटर विभाग बनाने की मांग की गई है। जिससे वहां का कामकाज कागजरहित हो सके और वहां पर ई फाइलिंग व ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा बनाई जा सके। पत्र में पारिवारिक अदालत के विवाह समुपदेशक के कामकाज में सुधार लाने का भी निवेदन किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि पारिवारिक अदालत में सात कोर्ट है। एक कोर्ट पूरी तरह से बनकर तैयार है। यदि यह आठवीं कोर्ट भी शुरु हो जाए तो इससे कोर्ट में प्रलंबित मामलों की संख्या कम करने में राहत मिलेगी। इसलिए जो कोर्ट बनकर तैयार उसे तुरंत शुरु करने की दिशा में कदम उठाए जाए।
Created On :   14 April 2021 8:38 PM IST