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अब एसटी का स्टेअरिंग होगा महिलाओं के हाथों में
डिजिटल डेस्क,पुणे । एसटी महामंडल की बसों में महिलाएं कंडक्टर तो हैं लेकिन अब वे चालक भी बनने जा रही हैं। महामंडल द्वारा चालक पद के लिए 150 महिलाओं को चयनित किया गया है, जिनका अगस्त माह से एक साल तक प्रशिक्षण होगा।
उल्लेखनीय है कि एसटी महामंडल में भर्ती प्रक्रिया शुरू है। इसमें महिलाओं के लिए आरक्षित सीट रखी गई है। इतना ही नहीं अधिक से अधिक महिलाओं का प्रतिसाद मिले इसलिएकुछ शर्तों में बदलाव भी लाए गए हैं। इन बदली हुई शर्तों को देख कई महिलाओं ने चालक-वाहक पद के लिए आवेदन किए थे। सभी कागजातों की जांच पड़ताल के बाद 150 महिलाएं पात्र साबित हुईं। चयनित महिलाओं को भारी वाहन चलाने का अनुभव न होने के कारण उन्हें नियम के अनुसार पहले एक साल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें सेवा में दाखिल किया जाएगा। इन महिलाओं को प्रथम कम अंतर पर एसटी चलाने का अनुभव दिया जाएगा। उसके बाद अधिक अंतर के मार्ग पर उनकी नियुक्ति की जाएगी।
आदिवासी युवतियों के लिए भी प्रशिक्षण
महामंडल द्वारा आदिवासी युवतियों के लिए वाहन चालक प्रशिक्षण योजना कार्यान्वित की गई है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 21 आदिवासी युवतियों को वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
पुणे विश्वविद्यालय की इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के टैग के लिए सिफारिश
पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय ने भी इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की फेहरिस्त में स्थान हासिल कर लिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ट संस्थान के दर्जे के लिए देशभर के 15 सरकारी और 15 निजी शैक्षणिक संस्थानों के नामों की सिफारिश की है। बता दें कि इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस टैग के तहत सरकार 20 विश्वस्तरीय संस्थान विकसित करने का प्रयास कर रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से ने पहले ही इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिया जा चुका है। इनमें मुंबई आईआईटी पहले पायदान पर है। शुक्रवार को यूजीसी की हुई 542वीं बैठक में और 30 शैक्षणिक संस्थानों की उत्कृष्ट संस्थान के दर्जे के लिए सरकार से सिफारिश की गई है। इनमें महाराष्ट्र के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय का नाम शामिल है।
Created On :   3 Aug 2019 7:23 PM IST