निगरानी के लिए होगा कोरियाई तकनीक का इस्तेमाल, दुर्घटना रोकने में मिलेगी मदद 

Korean technology will be used for surveillance, will help prevent accidents
निगरानी के लिए होगा कोरियाई तकनीक का इस्तेमाल, दुर्घटना रोकने में मिलेगी मदद 
मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग निगरानी के लिए होगा कोरियाई तकनीक का इस्तेमाल, दुर्घटना रोकने में मिलेगी मदद 

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे में से एक 701 किलोमीटर लंबे नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग की देखरेख व निगरानी के लिए कोरियाई तकनीक की मदद ली जाएगी। दक्षिण कोरिया सरकार ने इसके लिए अपनी तकनीक साझा करने की तैयारी दिखाई है। देश में यह पहला मौका है जब इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (आईटीएस) का इस्तेमाल महामार्ग पर वाहन चालकों की सुरक्षा व दुर्घटना को रोकने के लिए किया जाएगा। आठ लेनेवाले समृद्धि महामार्ग के निर्माण कार्य के लिए नोडल एजेंसी के रुप में कार्यरत महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) को नियुक्त किया गया है। पांच हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार होनेवाले इस महामार्ग में 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गाड़िया दौड़ेगी। इस लिहाज से यह देश का सबसे तेज रफ्तार वाला महामार्ग होगा। एमएसआरडीसी  के एक अधिकारी ने बताया कि आईटीएस के लिए दक्षिण कोरिया के इकोनॉमिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन फंड (ईडीसीएफ) से कर्ज लिया जाएगा। कर्ज लेने की प्रक्रिया भारत सरकार के वित्त विभाग के माध्यम से की जाएगी। दक्षिण कोरिया सरकार से कर्ज से जुड़ी डील को अंतिम रुप दिया जा चुका है। जल्द ही दोनों देशों के बीच इस विषय को लेकर अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। 

अधिकारी के मुताबिक कोरियन कंसल्टेंट एंड सिस्टम इंटीग्रेटर पहले ही एक्सप्रेस वे का दौरा कर उसका सर्वेक्षण कर चुके हैं। आईटीएस को एमएसआरडीएस को स्थानांतरित करने से पहले उसका परिचालन शुरुआती दो सालों तक कोरियन कंपनी करेंगी। आईटीएस के जरिए मुख्य रुप से वाहनों की दिशा, ट्राफिक नियमों के उल्लंघन पर नियंत्रण, ड्रोन के जरिए महामार्ग की निगरानी, टनल मैनेजमेंट सिस्टम, संदेश सेवा, गति व लेन प्रबंधन से जुड़ा कार्य किया जा सकेगा। सरकारी अधिकारी के अनुसार महामार्ग में टनल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम भी बनाया जाएगा। गंभीर दुर्घटना होने की स्थिति में टनल के प्रवेश द्वार अपने आप बंद हो जाएगे। दरवाजे बंद होने की स्थिति में वाहनचालकों को इसकी जानकारी दी जाएगी। 

महामार्ग के ट्रैफिक पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी की केंद्रीकृत व्वस्था बनाई जाएगी। जिससे पल-पल ट्रैफिक की ताजा जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा तकनीक के जरिए सड़क दुर्घटनाए रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएगे। आईटीएस का इस्तेमाल टोल शुल्क वसूली के लिए भी किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जाएगी की टोल के भुगतान के लिए वाहन चालकों को रुकना नहीं पड़ेगा। आईटीएस के जरिए सौ किमी के ट्रैफिक पर नजर रखी जा सकेगी। 

 

Created On :   7 Feb 2022 8:09 PM IST

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