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कोश्यारी अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री नहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं - मलिक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सक्रियता महा विकास आघाडी सरकार को नहीं भा रही है। राज्यपाल के दौरे को लेकर राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि राज्यपाल अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। मलिक ने मंगलवार को राज्यपाल कोश्यारी की आलोचना करते हुए कहा कि वह राज्य में सत्ता के दो केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री का अधिकार नहीं लेना चाहिए।
मलिक ने कहा कि कोश्यारी ने राज्य सरकार को बताए बिना कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले हैं। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री को शपथ लेने के बाद शक्तियां सौंपी जाती है, लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल राज्य में दो शक्ति केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मलिक ने दावा किया कि राज्यपाल न केवल राज्य का दौरा कर रहे हैं बल्कि जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न सरकारी कार्यों की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें (राज्यपाल) कुछ जानने की जरूरत है, तो वह इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र लिख सकते हैं। मलिक ने कहा कि राज्यपाल सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करते दिखाई दे रहे हैं। राज्यपाल सरकारी विमान से 5 अगस्त को नांदेड जाने वाले हैं। वे वहां अल्पसंख्यक विभाग द्वारा बनाए गए हास्टल का उद्धाटन करने वाले हैं। जबकि अभी उसका निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हुआ है।
राज्यपाल नांदेड में जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों की बैठक लेने वाले हैं। 6 अगस्त को राज्यपाल हिंगोली में बैठक लेने वाले हैं जबकि यहां कोई विश्वविद्यालय नहीं है। बता दें कि राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं। राकांपा प्रवक्ता ने कहा कि 7 अगस्त को राज्यपाल परभणी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे, यह उनका अधिकार है पर यहां भी वे अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक लेने वाले हैं। मलिक ने कहा कि राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री का अधिकार लेना सही नहीं है।
राज्यपाल की इस तरह की सक्रियता को लेकर मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हुई। राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को कहा गया है कि वे राजभवन जाकर राज्यपाल के सचिव को मंत्रिमंडल बैठक में हुई चर्चा से अवगत कराए। पूर्व में भी महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्यों के नामांकन और कोरोना वायरस के प्रसार के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान धार्मिक स्थलों को खोलने के मुद्दे पर ठाकरे सरकार और राज्यपाल का टकराव हो चुका है।
Created On :   3 Aug 2021 10:02 PM IST