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कोविड़-19 प्रभारी शहडोल संभाग ने मेडिकल कॉलेज शहडोल में अधिकारियों के साथ कोविड-19 की समीक्षा : संभागीय प्रभारी सचिव कोविड-19
डिजिटल डेस्क, शहडोल। सचिव माईनिंग मध्यप्रदेश शासन एवं कोविड़-19 प्रभारी शहडोल संभाग श्री सुखवीर सिंह ने आज मेडिकल कॉलेज शहडोल में कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक लेकर निर्देशित किया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर हमे और अधिक सर्तकता की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजो की शीघ्र पहचान कर उनके सेम्पल टेस्टिंग एवं प्रथम सम्पर्क में मरीजो को पहचान क्वारेंटीन करना, हाई रिस्क वाली क्षेत्रो में मास्क टेस्टिंग किया जाना आवश्यक है। उन्होने निर्देशित किया कि प्रतिदिन कम से कम 150 सेम्पल कलेक्शन कर उनकी टेस्टिंग कराई जाए। बैठक में कमिश्नर शहडोल संभाग श्री नरेश पाल, कलेक्टर शहडोल डॉ0 सतेन्द्र सिंह, डीन मेडिकल कॉलेज शहडोल डॉ0 मिलिन्द शिरालकर, उपायुक्त राजस्व श्री दिलीप पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश पाण्डेय, सिविल सर्जन डॉ0 व्ही0एस0 वारिया, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री धमेन्द्र मिश्रा, कोविड़-19 प्रभारी डॉ. आकाश रंजन सिंह, जिला संक्रामक रोग प्रभारी डॉ0 अंशुमन सोनारे, विभाग प्रमुख पैथालॉजी मेडिकल कॉलेज डॉ0 अभिशक गौर सहित चिकित्सा विभागाध्यक्ष एवं अन्य चिकित्सक एवं अधिकारी उपस्थित थे। डीन मेडिकल कॉलेज ने प्रभारी संभागीय सचिव को मेडिकल कॉलेज में प्रदाय की जाने वाली चिकित्सकीय सेवाओं एवं उपकरणो आदि की विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि 21 प्रकार की चिकित्सकीय विभाग सेवाओं में 18 चिकित्सकीय सेवाऍ दी जा रही है। 3 सेवाऍ कैजुअव्लिटी, रेडियोंलॉजी एवं ऐनिथिशिया के प्रारंभ कराने के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस संबंध में सेंपल कलेक्शन, टेस्टिंग मशीनो की उपलब्धता एवं उनके क्रियान्वयन क्षमता के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आज दिनांक तक 54 कोरोना पॉजिटिव केस आऍ है, जिनमें अभी 23 पॉजिटिव केस भर्ती है। आज 13 केस ठीक होने के उपरांत डिस्चार्ज कर 108 एम्बूलेंस से उनके घर रवाना किए जायेंगे। प्रभारी सचिव ने संभागयुक्त शहडोल संभाग को कहा कि अनूपपुर में सेम्पल टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने के लिए एक मशीन मंगाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जायें। उन्होंने कहा कि अर्ली इन्वेंशन, सेम्पल कलेक्शन, टेस्टिंग आदि बढ़ाने से कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है। जितने अधिक टेस्ट होगे उतना ही हम कोरोना संक्रमण रोक सकेगे। संभागीय प्रभारी सचिव को फीवर क्लीनिक में आएं मरीजो की जानकारी भी प्रदान की गई। बैठक में पैथालॉजी प्रभारी मेडिकल कॉलेज डॉ0 अभिषेक गौर ने मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध टू-नॉट, आरटीसीपी मशीन के कार्य क्षमता के बारे में विस्तुत जानकारी प्रदान की। प्रभारी सचिव ने कोरोना वायरस से मृत्यु जटिल केस एवं उन्हें दी जाने वाली चिकित्सकीय सेवाओं की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि पैरामेडिकल स्टाप एवं चिकित्सको को भी कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखें।
Created On :   24 July 2020 2:43 PM IST