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"विकास' के लिए आधी मजदूरी पर कर रहे काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेट्रो में सुरक्षा, हाउस कीपिंग, टिकट ऑपरेटिंग और कस्टमर फैसिलिटी के लिए ग्रेट वॉल कंपनी को कांट्रैक्ट दिया है। इसमें सभी स्टेशन और मेट्रो ऑफिस में ग्रेट वॉल कंपनी के सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें गार्ड को दिन और रात में दोनों ड्यूटी लगाई गई है। यह ड्यूटी तीन शिफ्ट में चलती है। यहां काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी की ओर से पहले 18 से 20 हजार रुपए तक वेतन दिया जाता था। उसके बाद अचानक ही सभी गार्ड का वेतन कम कर 13000 रुपए कर दिया। कर्मचारियों को इसकी पहले कोई सूचना भी नहीं दी गई। इससे पूर्व भी ग्रेट वाॅल कंपनी कर्मचारियों ने 6-8 महीने तक वेतन नहीं देने का आरोप लगाया था।
मेट्रो के हर हिस्से में ग्रेट वॉल कर्मचारी
मेट्रो के सभी स्टेशनों पर सुरक्षा, जांच, हाउस कीपिंग, ट्रेन और स्टेशन पर कस्टमर सर्विस साथ ही टिकट ऑपरेटिंग का काम और स्टोर सामान की सुरक्षा का काम भी मेट्रो ने ग्रेट वॉल कंपनी को दिया है। इसमें मेट्रो के हर हिस्से पर कंपनी के कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। मेट्रो ने ग्रेट वॉल कंपनी को 3 साल का टेंडर दिया था, जो कि खत्म होने वाला है। कंपनी पर लगातार वेतन देने में अनियमितता और कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करने का आरोप कर्मचारियाें ने लगाया है। नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने कहा कि इस संबंध में कई बार मेट्रो अधिकारियों को भी सूचना दी गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। साथ ही कोई स्पष्ट जवाब दिया गया। पहले वेतन लगभग 20 हजार रुपए दिया गया, फिर कम कर 13 हजार रुपए दिया जाने लगा, फिर से 2-3 माह 18-20 हजार वेतन दिया गया। अब फिर से वेतन 12-13 हजार रुपए मिल रहा है।
बोनस और अन्य इंसेंटिव
हालांकि मेट्राे के अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों को पहले केंद्र सरकार के मिनिमम वेजेस के अनुसार वेतन दिया जा रहा था, बाद में नियम बदलकर उसे राज्य सरकार के मिनिमम वेजेस के अनुसार वेतन दिया जा रहा था। कर्मचारियों का वेतन मई या जून में कम किया गया था, उसके बाद उन्हें बोनस और अन्य इंसेंटिव मिलाकर उतना ही वेतन दिया जा रहा था, जितना पहले दिया जा रहा था। अब वेतन राज्य सरकार के मिनिमम वेजेस के अनुसार मिल रहा है, जो कम है। इसके विषय पर कर्मचारियों को नोटिस भी दिया था।
अधिकारी ने झाड़ा पल्ला
समीर धर्माधिकारी, मैनेजर, ग्रेट वॉल कंपनी का कहना है कि मेरी तबीयत खराब है, मैं किसी से बात नहीं कर सकता। साथ ही मैं किसी को जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं हूं।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।