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विदेश पैसे भेजने के लिए जाना पड़ता है महानगर, बैंक मैनेजर को जानकारी का अभाव

डिजिटल डेस्क शहडोल । सरकार का पूरा जोर है पैसों के लेन-देन से संबंधित सभी काम काम बैंकों के माध्यम से हों। इसके लिए लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि बैंकों के कर्मचारियों से लेकर मैनेजर तक को यह पता ही नहीं कि ग्राहकों के लिए उनके यहां कौन-कौन सुविधाएं मौजूद हैं। पूरे संभाग में आजतक एक भी ग्राहक को विदेश पैसे भेजने की सुविधा नहीं मिली। बैंक वाले कह देते हैं हमारे यहां यह सुविधा नहीं है, जबकि शहडोल स्थित स्टेट बैंक के मेन ब्रांच समेत लगभग सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में यह सुविधा मौजूद है।
दरअसल, तीन दिन पहले कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव को यूके (इंग्लैंड) में पढ़ रहे अपने बच्चे की फीस भेजनी थी। इसके लिए उन्होंने जब स्टेट बैंक के मेन ब्रांच के मैनेजर पीडी द्विवेदी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया उनके ब्रांच में यह सुविधा नहीं है। इसके बाद कमिश्नर ने लीड बैंक के मैनेजर विजय चौरसिया को फोन लगाया तो उन्होंने कह दिया कि पूरे संभाग में यह सुविधा नहीं है। कमिश्नर ने कहा भी खाता धारकों को आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए पैसे भेजने की सुविधा तो छोटे-छोटे जिलों में मिल रही है, फिर यहां क्यों नहीं है। अंतत: उन्हें भोपाल से फीस की राशि यूके भेजनी पड़ी।
आरबीआई को लिखने वाले थे पत्र
कमिश्नर ने तत्काल अपने रीडर को बुलाया और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और स्टेट बैंक के रीजनल कार्यालय के नाम एक पत्र लिखने को कहा। पत्र में उल्लेखित किया गया कि शहडोल एसबीआई की मेन ब्रांच से जानकारी मिली है कि यहां से किसी भी विदेशी बैंक में पैसे भेजने की सुविधा नहीं है। चूंकि शहडोल संभागीय मुख्यालय है। यहां के अनेक व्यक्तियों को विदेशों में राशि ट्रांसफर करानी होती है, इसलिए एसबीआई मेन ब्रांच को इसके लिए अधिकृत किया जाए।
दूसरी ब्रांच में बात की तो चला पता
इधर, कमिश्नर से बात होने के बाद एसबीआई के मैनेजर ने अपने मुख्य ब्रांच में बात की तो वहां से बताया गया कि यह सुविधा शहडोल में काफी समय से मौजूद है। वहां से बैंकिंग सॉफ्टवेयर में वह ऑप्शन भी बताया गया जहां से खाता धारकों की राशि ट्रांसफर की जाती है। इसकी जानकारी लगते ही शाखा प्रबंधक ने कमिश्नर से बात की और उनको इससे अवगत कराया। लीड बैंक के मैनेजर को भी इसकी जानकारी दी गई।
एक भी ग्राहक को नहीं मिला फायदा
बैंकों की इस लापरवाही की वजह से लोगों को विदेश पैसे भेजने के लिए जबलपुर और बिलासपुर जाना पड़ता है। जमुना (कोतमा) निवासी आदित्य पांडेय के भाई कनाडा में पढ़ाई करते हैं। आदित्य को अक्सर अपने भाई को कनाडा में पैसे भेजने होते हैं। पैसे जमा कराने के लिए उन्हें बिलासपुर जाना पड़ता है। इसी तरह शहडोल निवासी राजीव सोनी को अपनी बेटी के लिए फीस यूके भेजनी होती है। वे भी फीस जमा कराने के लिए जबलपुर जाते हैं।
इनका कहना है
पहले तो बैंक मैनेजर ने मना कर दिया था, लेकिन शाम को उन्होंने बताया कि शहडोल में यह सुविधा है। उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। इसके बाद लेटर कैंसिल कर दिया गया।
रजनीश श्रीवास्तव, कमिश्नर शहडोल
अगर कस्टमर बैंक के माध्यम से विदेश पैसा भेजना चाहता है तो यह बैंक की जिम्मेदारी है कि वह उसका पैसा भेजे। चाहे बैंक में यह सुविधा हो या नहीं। कमिश्नर साहब से बात हो गई थी।
विजय चौरसिया, लीड बैंक मैनेजर
पहले इसकी जानकारी नहीं थी। मुख्य ब्रांच में बात करने के बाद पता चला कि यहां से भी पैसा विदेश भेजा जा सकता है। बैंक के साफ्टवेयर में ही यह सुविधा दी गई है।
पीडी द्विवेदी, स्टेट बैंक मेन ब्रांच मैनेजर

Created On :   7 April 2018 2:00 PM IST