शिवसेना में विदर्भ से इच्छुक उम्मीदवारों की कमी,सभी सीटों पर चुनाव लड़ने में होगी मशक्कत

Lack of interested candidates from vidarbha in shiv sena
शिवसेना में विदर्भ से इच्छुक उम्मीदवारों की कमी,सभी सीटों पर चुनाव लड़ने में होगी मशक्कत
शिवसेना में विदर्भ से इच्छुक उम्मीदवारों की कमी,सभी सीटों पर चुनाव लड़ने में होगी मशक्कत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही शिवसेना के लिए विदर्भ में स्थिति बहुत अच्छी नहीं हैं। पार्टी में इच्छुक उम्मीदवारों की कमी देखी गई है। यहां तक कि कुछ सीटों पर तो इच्छुकों ने दावा ही नहीं किया है। लिहाजा भाजपा के साथ गठबंधन नहीं होने की स्थिति में पार्टी को विविध सीटों पर चुनाव लड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। हालांकि शिवसेना की ओर से दावा किया जा रहा है कि राज्य में सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए शिवसेना में उम्मीदवार तैयार है।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर शिवसेना की शुक्रवार व शनिवार को विशेष बैठक मुंबई स्थित सेना भवन में हुई। दोनों दिन विदर्भ की स्थिति पर चर्चा की गई। इच्छुक उम्मीदवारों से अलग-अलग चर्चा की गई। इसके अलावा जिला प्रमुखों, संपर्क प्रमुखों व समन्वयकों की बैठक हुई। बैठक मेें शिवसेना के प्रमुख पदाधिकारियों के अलावा उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए। बैठक में शामिल रहे एक पदाधिकारी के अनुसार विदर्भ में इच्छुक उम्मीदवारों की कमी देख पार्टी नेताओं  ने जल्द ही नए उम्मीदवार तलाशने को कहा है। यह भी संकेत मिले हैं कि भाजपा के साथ सीट साझेदारी में शिवसेना को कुछ सीटों पर न चाहते हुए भी समझौता करना पड़े और सीट भाजपा के लिए छोड़ना जरूरी हो तो विदर्भ की ही सीट छोड़ी जा सकती है। वैसे भी विदर्भ में शिवसेना की स्थिति काफी कमजोर कही जा सकती है।

विदर्भ में विधानसभा की 62 सीटों के लिए 250 के करीब इच्छुक उम्मीदवारों ने साक्षात्कार दिए हैं। लेकिन इनमें 20 से 25 सीटें ही है जिनमें सर्वाधिक नाम सामने आए हैं। 10 से अधिक सीटों पर तो शिवसेना में दावेदारी ही सामने नहीं आयी है। 2014 के चुनाव में एबी फार्म बंटने के बाद भी उत्तर नागपुर में शिवसेना उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया था। शिवसेना नेताओं ने उस स्थिति की पुनरावृत्ति की आशंका खुलकर जतायी है। युवा किसान, शैक्षणिक संस्थाधारक, रियल इस्टेट व्यवसायी व शिक्षक के अलावा अन्य कार्य क्षेत्र से जुड़े लोगों ने शिवसेना की उम्मीदवारी मांगी है। इनमें भी ऐसे इच्छुकों की संख्या अधिक है जो नगरपरिषद व मनपा के चुनाव 2 से अधिक बार पराजित हुए हैं। 2014 में भाजपा व शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था।

विदर्भ में 62 में से 42 सीटें भाजपा ने जीती थी। शिवसेना 3 पर ही जीत पायी थी। वरोरा,, दिग्रस व सिंदखेड राजा में शिवसेना उम्मीदवार जीते थे। उनमें भी वरोरा के विधायक बालू धानोरकर विधायक पद व शिवसेना को छोड़कर कांग्रेस की टिकट पर चंद्रपुर से लोकसभा चुनाव जीते हैं। धानाेरकर राज्य में कांग्रेस के एकमात्र लोकसभा सदस्य हैं। शिवसेना को लगता है कि अकेले लड़ने पर उनके प्रभाव क्षेत्र की जिन सीटों पर भाजपा जीती वे सीटे उन्हें दोबारा मिल सकती है। लेकिन भाजपा जीती हुई सीट को छोड़ना नहीं चाहती है।

Created On :   16 Sep 2019 11:09 AM GMT

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