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जिले में ऋण पुस्तिकाओं का टोटा, भटक रहे भू स्वामी और किसान
डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले में तीन महीने से भू अधिकार पत्रक ऋण पुस्तिका की कमी बनी है। जिसके कारण न केवल भू स्वामी परेशान हो रहे हैं बल्कि किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जमीन खरीदी बिक्री के बाद नई ऋण पुस्तिकाएं नहीं मिल पा रही हैं। वहीं पुराने के स्थान पर नई पुस्तिका लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिले के तहसील मुख्यालयों का चक्कर लगाकर लोग लौट जा रहे हैं। ऋण पुस्तिकाओं की कमी के कारण नामांतरण, जमीनों की रजिस्ट्रियां सहित अन्य काम काज प्रभावित होने लगे हैं। हालांकि इस कमी को दूर करने के लिए प्रशासन की ओर से डिमांड भेज दी गई है। लेकिन अभी तक आपूर्ति नहीं हो सकी है।
यह कार्य प्रभावित
ऋण पुस्तिकाओं के नहीं होने के कारण राजस्व संबंधी अनेक काम काज प्रभावित हो रहे हैं। जमीनों की क्रय बिक्री के बाद रजिस्ट्री कार्य तेजी नहीं पकड़ पा रही है। नामांतरण, बंटनबारा जैसे कार्य नहीं हो रहे हैं। आवास सहित अन्य शासकीय योजनाओं में ऋण पुस्तिकाओं का होना जरूरी है। किसानों को ऋण आदि के लिए बैंकों में इसकी प्रमाणित प्रति लगानी होती है। वहीं पुराने के स्थान पर नई पुस्तिकाओं के लिए आवेदन देने के बाद भी लोगों को नहीं मिल पा रहे हैं।
भेजी 50 हजार की डिमांड
जिले में ऋण पुस्तिकाओं की कमी को दूर करने के लिए 50 हजार प्रतियों की डिमांड भू अभिलेख ग्वालियर के पास भेजी गई है। जिला कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 25 हजार की ही अनुमति मिल पाई है। लेकिन उसकी छपाई नहीं होने के कारण उसकी आपूर्ति भी नहीं हो सकी है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि 50 हजार की डिमांड आगामी तीन महीनों तक के लिए की गई थी।
इसलिए हो रहा विलंब
ऋण पुस्तिकाओं की कमी की बड़ी वजह डिजिट नंबर को बताया जा रहा है। शासन स्तर से नई पुस्तिकाओं के सीरियल नंबर 9 डिजिट का कर दिया गया है। जिसकी प्रिटिंग के लिए सरकारी छापेखाने में तकनीकी सुविधाएं नहीं हैं। पूर्व में ऋण पुस्तिकाओं के सीरियल नंबर 7 डिजिट के होते थे। उसी अनुरूप सरकारी प्रेसों में तकनीकी व्यवस्था कराई गई थी। शहडोल जिले के लिए ऋण पुस्तिकाओं के छपने का कार्य रीवा स्थित प्रेस में होनी थी, लेकिन 9 अंकों की छपाई की सुविधा नहीं है। इस समस्या से ग्वालियर व भोपाल स्थित कार्यालयों को अवगत करा दिया गया है।
भेजी है डिमांड
जिले में ऋण पुस्तिकाओं की कमी है, जिसे देखते हुए 50 हजार की डिमांड भेजी गई थी। लेकिन 25 हजार की ही अनुमति मिली। प्रिंटिंग में कुछ तकनीकी परेशानी के कारण आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
नरेश पाल, कलेक्टर शहडोल
Created On :   28 Feb 2018 2:36 PM IST