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करोड़ों की जमीन होगी अतिक्रमण मुक्त, कमिश्नर ने खारिज की 57 साल पुराने राजस्व मामले की अपील
डिजिटल डेस्क शहडोल । शहडोल नगर पालिका क्षेत्र के 2 एकड़ शासकीय भूमि के अतिक्रमण के मामले में चल रहे अपील को आयुक्त (राजस्व ) शहडोल बी. एम. शर्मा ने सारहीन होने के कारण खारिज कर दिया। अब करोड़ों की इस जमीन से अतिक्रमण हटाने का रास्ता साफ हो गया और गेंद राजस्व अधिकारियों के पाले में आ गई है। कमिश्नर ने अपने आदेश में तहसीलदार सोहागपुर को 15 दिन में जमीन खाली कराने के निर्देश दिए हैं।
57 साल पहले 1000 रुपये अर्थदण्ड-
धर्मदास बारी बनाम म. प्र. शासन मामले में दिए निर्णय में आयुक्त शहडोल ने माना कि विचारण न्यायालय का आदेश दिनांक 4.06.2012 एवं अधीनस्थ अपीलीय न्यायालय का आदेश दिनांक 18.06.2012 हस्तक्षेप योग्य नहीं है। न्यायालय कमिश्नर द्वारा दिए निर्णय के अनुसार ग्राम शहडोल के सर्वे क्र. 134,136, एवं 150 क्षेत्रफल क्रमश: 0.50 एकड़, 0.15 एकड़, 1.36 एकड़ में विदेशी बारी के विरूद्ध अतिक्रमण पाए जाने पर नायब तहसीलदार सोहागपुर ने दिनांक 29 जनवरी 1960 को 1000 रुपये का अर्थदण्ड लगाकर बेदखली का आदेश पारित किया। इस आदेश के विरूद्ध एस. डी. एम. सोहागपुर न्यायालय में अपील की, एसडीएम ने यह अपील खारिज कर दी तो आयुक्त रीवा के समक्ष अपील पेश की गई ।
55 साल पहले बेखली का आदेश-
आयुक्त रीवा ने 14 फरवरी 1961 को केस रिमाण्ड कर दिया। नायब तहसीलदार सोहागपुर ने पुन: सुनवाई कर 15.02.62 को पुन: बेदखली का आदेश दिया। इस प्रकार यह मामला इस कोर्ट से उस कोर्ट तक चलता रहा। अंतिम आदेश कमिश्नर रीवा का 30 जून 1964 का है, जिसमें विदेशी बारी की अपील खारिज की गई किंतु किसी राजस्व अधिकारी ने 47 वर्षों तक अतिक्रमण भी नहीं हटाया।
अब राजस्व विभाग के पाले में गेंद-
2011 में उच्च न्यायालय में एक रिट पिटीशन के आदेश के बाद तहसीलदार सोहागपुर द्वारा 4 जून 2012 को बेदखली का आदेश पारित किया गया तो पुन: अपील, द्वितीय अपील का दौर चला। अन्तत: कमिश्नर शहडोल द्वारा 11 सितम्बर 2017 को अपील निरस्त कर दी। कमिश्नर के फैसले से नागरिकों को आशा बंधी है कि 57 वर्षों बाद ही सही अब शासकीय भूमि से अतिक्रमण हट जाएगा। कमिश्नर ने अपने आदेश में लेख किया है कि विचारण न्यायालय का आदेश दिनांक 4/6/2012 एवं अधीनस्थ अपीलीय न्यायालय का आदेश दिनांक 18/6/2012 स्थिर रखे जाते हैं। तहसीलदार सोहागपुर प्रश्नाधीन भूमियों को अतिक्रमण मुक्त कराकर 15 दिन में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
Created On :   5 Oct 2017 12:33 PM IST