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इंजेक्शन बांट रहे नेता, अदालत ने जताया आश्चर्य, पूछा- निजी लोगों को कैसे मिल जा रहा है रेमडेसिविर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जानना चाहा है कि कोरोना के इलाज में कारगर इंजेक्शन रेमडेसिविर निजी लोगकैसे हासिल कर जनता को बाट रहे हैं। हाईकोर्ट ने यह बात अहमदनगर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुजय विखे पाटिल की ओर से बाटे गए रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर कही है। हाल ही में पाटिल ने दिल्ली से निजी विमान के जरिए रेमडेसिविर के दस हजार वायल मंगाए थे और अपने लोकसभा क्षेत्र के लोगों को बांटे थे।
इस घटना के संदर्भ में मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि निजी लोग कैसे फार्मा कंपनी से रेमडेसिविर के इंजेक्शन हासिल कर रहे लोगों को बाट रहे हैं।जबकि नियमानुसार फार्मा कंपनी को इंजेक्शन का सारा स्टॉक केंद्र सरकार को देना चाहिए। फिर केंद्र इसे राज्यों को वितरित करें। खंडपीठ ने कहा कि हम चाहते हैं कि हर जरूरतमंद को इंजेक्शन मिले यह कुछ लोगों के हाथों तक सीमित न रहे। खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली खुद कोरोना संकट से जूझ रही है फिर वहां से कैसे यहां इंजेक्शन आ गए। खंडपीठ ने यह बातें पेशे से वकील स्नेहा मार्जदी कि ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। याचिका में ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी तथा कोरोना के इलाज में कुप्रबंधन को दर्शाया गया है।
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने केंद्र सरकार को हलफनामा दायर कर स्पष्ट करने को कहा कि केन्द्र ने महाराष्ट्र में कोरोना मरीज के अनुपात में कितने रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए हैं। वहीं मुंबई महानगरपालिका को अस्पतालों में उपलब्ध बेड की जानकारी अपनी वेबसाईट व डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराने को कहा। इससे पहले मनपा की ओर पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि मरीजों की मदद के लिए 1916 हेल्पलाइन शुरू की गई है। अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध है। मरीजों को सारी सुविधाएं दी जा रही है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 29 अप्रैल 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   27 April 2021 7:06 PM IST