भारत बंद में शामिल हुए सत्ताधारी दल के नेता, राज्य भर में हुआ आंदोलन, डब्बावालों का भी समर्थन

Leaders of ruling party joined Bharat bandh, agitation across state
भारत बंद में शामिल हुए सत्ताधारी दल के नेता, राज्य भर में हुआ आंदोलन, डब्बावालों का भी समर्थन
भारत बंद में शामिल हुए सत्ताधारी दल के नेता, राज्य भर में हुआ आंदोलन, डब्बावालों का भी समर्थन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद में प्रदेश में सत्ताधारी शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने जोरशोर से हिस्सा लिया। महाविकास आघाड़ी सरकार के कई मंत्री भारत बंद के आंदोलन में शामिल हुए। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन और किसान सभा समेत कई संगठनों ने राज्य भर में आंदोलन किया। प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ रिगल सिनेमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि भारत बंद जनता का आंदोलन बन गया है। कांग्रेस किसानों के आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ी है। जबकि राकांपा प्रदेश अध्यक्ष तथा जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने किसानों के समर्थन में काली पट्टी बांधकर दिन भर कामकाज किया। पाटील ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के हितों का विचार करना चाहिए। 

शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने कहा कि किसानों को आधार देने के लिए पार्टी ने भारत बंद में शामिल होने का फैसला किया है। कृषि कानूनों को रद्द किए जाने तक आंदोलन और लड़ाई शुरू रहेगी। 

वहीं देश भर में हुए आंदोलन के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के तेवर नरम पड़ गए हैं। पाटील ने कहा कि कृषि कानून किसानों के हितों का है पर कानून में जो बदलाव करने की जरूरत है उसको केंद्र सरकार को बदलना चाहिए। पाटील ने दावा कि भारत बंद में राज्य के किसान सड़क पर नहीं उतरे। पाटील ने कहा कि इस आंदोलन का भाजपा पर असर नहीं पड़ेगा। इससे पहले पाटील ने कहा था कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेगी। 

भारत बंद को डब्बावालों ने समर्थन दिया है। डब्बावालों ने केंद्र सरकार से नए कानूनों को वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तालेकर के मुताबिक कृषि कानून देश के किसानों को खत्म कर देंगे। एसोसिएशन बंद का समर्थन करता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले राकांपा प्रमुख शरद पवार

उधर नई दिल्ली में कृषि कानूनों को लेकर देश में मचे घमासान के बीच मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्यसभा सदस्य पवार ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच पुणे जिले के पुरंदर में बन रहे हवाई हड्‌डे के लिए भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर चर्चा की। कृषि कानून के मसले को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि बुधवार को इस मसले पर हम कुछ दलों के नेता एक साथ बैठेंगे और इसके बाद राष्ट्रपति से भी मुलाकात करने वाले है। किसान आंदोलन और कृषि कानून के मुद्दे पर कुछ भी कहने से बचते हुए उन्होंने कहा कि सबसे चर्चा होने के बाद नए कृषि कानून को लेकर जो भी अंतिम पैसला निकलकर आयेगा, उसके बाद वे अपनी राय व्यक्त करेंगे। 

दिल्ली में किसान आंदोलन से राज्यमंत्री कड़ू के नेतृत्व में जुडेंगे महाराष्ट्र के सैंकडों किसान 

विभिन्न राज्यों के किसानों का धरना स्थल पर पहुचंने का सिलसिला चल रहा है। महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री एवं प्रहार संगठन के प्रमुख बच्चू कड़ू सैंकडों किसानों के जत्थे के साथ बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचकर किसान आंदोलन में शामिल होंगे। राज्यमंत्री कडू ने किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए 4 दिसंबर को अमरावती जिले के गुरुकुंज मोजरी से किसान रैली शुरु की है। फोन पर बातचीत में उन्होंने मोदी सरकार की नीति को डाकूओं जैसी नीति करार दिया और कहा कि वे भारत बंद को समर्थन देने वाले सभी क्षेत्रों के लोगों को सलाम करते है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीति के कारण किसान लूटा जा रहा है। खेती में ठेकेदारी पद्धति शुरु होने से रोकने के लिए जब तक यह किसान विरोधी कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक धरना स्थल पर वे डटे रहेंगे। उन्होंने बताया कि किसान रैली में करीब डेढ हजार से अधिक किसान शामिल हुए है, उनमें महिलाएं भी शामिल है। 200 के करीब चार पहिया वाहन और 50 दो पहिया वाहन है। खबर लिखे जाने तक वे अपने जत्थे के साथ झांसी पहुंचे थे।

तोमर ने कहा- नए कृषि कानूनों से किसानों के जीवन में आएगी समृद्धि

नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे तीव्र आंदोलन के बीच केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने देश के किसानों को भ्रामक प्रचार से बचने की सलाह दी है। उन्होने ट्वीट करके कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए नए कृषि कानूनों से किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी। तोमर ने बुधवार को केन्द्र और किसान संगठनों के बीच होने वाली अहम बैठक से पहले आज एक बार फिर आश्वस्त किया कि नए कानूनों के बाद भी एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। अपने ट्वीट में कृषि मंत्री ने लिखा, “नए कृषि सुधार कानूनों से आएगी किसानों के जीवन में समृद्धि! विघटनकारी और अराजकवादी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से बचें। एमएसपी और मंडियां भी जारी रहेगी और किसान अपनी फसल अपनी मर्जी से कहीं भी बेच सकेंगे”। एक और ट्वीट में उन्होने लिखा,“नए कृषि सुधार कानूनों से किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी। देश में कोल्ड स्टोर एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश बढ़ेगा और किसान पर्याप्त भंडारण कर सकेंगे। राजनीतिक एजेंडे के तहत फैलाए जा रहे दुष्प्रचार और समाज को बांटने वाली ताकतों से बचें”। कृषि मंत्री के इस ट्वीट के बाद माना जा रहा है कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस लेने के किसानों की जिद के आगे झुकने के पक्ष में नहीं है। 

अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसीज वेलफेयर एसोसिएशन का किसान आंदोलन को समर्थन

किसान आंदोलन को अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसीज वेलफेयर एसोसिएशन ने अपना समर्थन दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रवीद्र गुप्ता ने कहा कि एसोसिएशन के सभी सदस्य किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर यह लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। गुप्ता ने कहा कि रेलवे से जुड़े हजारों छोटे खान-पान वेंडरों का रोजगार छीन गया है। सरकार द्वारा छोटे खान-पान लाइसेंसियों को लगातर प्रताड़ित किया जा रहा है। एसोसिएशन काफी लंबे समय से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रही है, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां छोटे-छोटे कामगारों खासकर रेलवे से जुड़े खान-पान वेंडरों से रोजगार छीन कर देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों के सुपुर्द करना चाहती है। एसोसिएशन सरकार की इस नीति का विरोध करता है। लिहाजा भारतीय रेल में एसोसिएशन से जुड़े हुए रेलवे स्टेशनों पर कार्यरत लाइसेंसिज वेंडर पूरे जोर-शोर से किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देता है। 

सरकार किसानों से एमएसपी और मंडियां छीनना चाहती है : हुड्‌डा

कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन कर रहे किसानों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा है कि वह पूरी मजबूती से किसानों के साथ खड़ी है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्‌डा ने आरोप लगाया कि तीन नए कृषि कानूनों के जरिए मोदी सरकार किसानों से उसकी एमएसपी और मंडियां छीनना चाहती है। हुड्‌डा ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार खेती-किसानी में अमेरिका की नीति भारत में लागू करना चाहती है, लेकिन सरकार को समझना चाहिए कि अमेरिका और भारत दोनों की परिस्थितियों में काफी अंतर है। उन्होने कहा कि भारत में किसानों को एमएसपी का संरक्षण जरूरी है और यह तभी हो पाएगा जब सरकारी मंडियों का विस्तार होगा। हुड्डा, जो हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं, ने कहा कि भाजपा लगातार कांग्रेस के घोषणापत्र में एपीएमसी खत्म करने की बात कहकर लोगों को गुमराह कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि घोषणापत्र में एपीएमसी में सुधार और मंडियों के विस्तारीकरण की बात कही गई थी। उन्होने कहा कि नए कानून में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में ना तो एमएसपी का जिक्र है और ना ही किसान को कोर्ट जाने का अधिकार है। हरियाणा सरकार के अल्पमत में होने की बात करते हुए हुड्‌डा ने कहा कि सरकार के सहयोगी निर्दलीय विधायक और जेजेपी के 6-7 विधायक सरकार के खिलाफ किसानों के समर्थन में बोल चुके हैं। उन्होने कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा के राज्यपाल से विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग की है जिसमें हम सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।

 

Created On :   8 Dec 2020 9:53 PM IST

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