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खतरे में विधायकी ! 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की विधायकी रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 23 जुलाई को अंतिम फैसला सुनाएगी। आरोप है कि 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान एफिडेविट में मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाई थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले में मुख्यमंत्री को नोटिस भी जारी किया था।
मुख्यमंत्री ने 2014 के चुनावी हलफनामे में जिन दो मामलों की जानकारी छुपाई है, उसमें एक मानहानि और दूसरा ठगी का है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने खुद याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या यह वही मामला है जिसमें मुख्यमंत्री फडणवीस ने जनप्रतिनिधि कानून की धारा 125-ए काउल्लंघन किया है और इसका निचली अदालतों ने संज्ञान भी लिया है। इस पर प्रतिपक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने मामले में हस्तक्षेप करना चाहा, लेकिन न्यायमूर्ति ने उन्हे बोलने का मौका नही दिया। इस दौरान एडीआर की ओर से वकील कामिनी जायसवाल ने भी मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अदालत ने इंकार कर दिया और कहा कि वे इस मामले में अदालत की मदद करे।
गौरतलब है कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधी कानून,1951 के नियमों में 2002 में संशोधन करके नियम 4ए जोड़ा था और फॉर्म 26 में उम्मीदवार को अपने खिलाफ आपराधिक और सिविल मामले की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया था। याचिकाकर्ता एड सतीश उके के अनुसार मुख्यमंत्री ने न केवल वर्ष 2014 में बल्कि 2004 और 2009 में भी चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाई है।
Created On :   3 July 2019 7:23 PM IST