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दिल्ली-मुंबई दोनो सदनों में मराठी भाषा को अभिजात दर्जे की मांग, विधान परिषद में ड्राफ्ट बदले जाने पर नाराज हुए विधायक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस के रत्नागिरी से सांसद सुनील तटकरे ने गुरुवार को लोकसभा में मराठी को अभिजात (शास्त्रीय) भाषा का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होने सरकार से आग्रह किया कि लंबे समय से लंबित इस मांग को शीघ्र पूरा किया जाए। सांसद तटकरे ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। इसके अलावा उन्होने आकाशवाणी के दिल्ली केन्द्र से मराठी भाषा में फिर से समाचार शुरु कराए जाने का भी सरकार से आग्रह किया। उन्होने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल के साथ इससे पहले संसद में भी कई बार मराठी को अभिजात भाषा घोषित किए जाने के संबंध में मांग उठती रही है। लिहाजा सरकार राज्य सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर शीघ्र कार्रवाई करें।
उधर मुंबई विधान परिषद में लोकभारती के सदस्य कपिल पाटील ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर सदन में अल्पकालीन चर्चा के लिए दिए गए प्रस्ताव के ड्रॉफ्ट (मसौदे) को बदलने का आरोप लगाया। गुरुवार को सदन में नियम 97 के तहत अल्पकालीन चर्चा में हिस्सा लेते हुए पाटील ने कहा कि मैंने चर्चा के लिए जो प्रस्ताव दिया था उसको पूरी तरह से बदल दिया गया है। इस पर मुझे आपत्ति है। सदन के सदस्य की ओर से दिया गया डॉफ्ट बदला नहीं जा सकता। यह विधानमंडल कार्यालय ने अपने स्तर पर किया है या फिर राज्य सरकार के कहने पर हुआ है। इसकी जानकारी सदन में दी जानी चाहिए।
पाटील ने कहा कि ड्रॉफ्ट में मराठी अंक लिपि (संख्या वाचन), राज व्यवहार, सार्वजनिक कामकाज, महानगर पालिकाओं और सरकार की नीति के बारे उल्लेख था। लेकिन इन सभी मुद्दों को प्रस्ताव से हटा लिया गया है। इस पर तालिका सभापति रामराव वडकुते ने कहा कि विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के अंक लिपि और मराठी भाषा से जुड़े डॉफ्ट को एक साथ जोड़ दिया गया है। प्रदेश के मराठी भाषा मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि दो प्रस्तावों के डॉफ्ट को जोड़ने में कभी-कभी सभी मुद्दों का समावेश नहीं हो पाता है। इसलिए इस प्रस्ताव को सुरक्षित रख लेना चाहिए। शुक्रवार को नए प्रस्ताव के आधार पर चर्चा की जाए। तावडे के सुझाव को तालिका सभापति वडकुते ने स्वीकार कर लिया।
Created On :   27 Jun 2019 2:31 PM GMT