टिकटॉक खाता बंद होने से रोजी- रोटी पर संकट, हाईकोर्ट में युवकों ने लगाई गुहार

Livelihood crisis in front of three youth due to block of Tiktok account
टिकटॉक खाता बंद होने से रोजी- रोटी पर संकट, हाईकोर्ट में युवकों ने लगाई गुहार
टिकटॉक खाता बंद होने से रोजी- रोटी पर संकट, हाईकोर्ट में युवकों ने लगाई गुहार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सोशल मीडिया के चर्चित माध्यम ‘टिकटॉक’ अकाउंट को ब्लाक किए जाने के चलते तीन युवाओं के सामने जीविका का संकट पैदा हो गया है। मनोरंजन जगत से जुड़े इन युवाओं का टिकटॉक अकाउंट नौ अगस्त 2019 से मुंबई पुलिस की सायबर सेल ने बंद किया है। लिहाजा इन युवाओं ने टिकटॉक खाते को ब्लाक करने के पुलिस के निर्देश को रद्द किए जाने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में तीनों युवाओं ने दावा किया है कि वे पेशे से कलाकार हैं और मनोरंजन जगत से जुड़े है। वे टिकटॉक के जरिए सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करते हैं। यूके की एक प्रबंधन कंपनी तक ने उनके वीडियों की सराहना की है। सोशल मीडिया पर उनके लाखों फालोवर हैं। इस लिहाज से टिकटॉक उनकी जीविका का साधन है। ऐसे में टिकटॉक अकाउंट ब्लाक किए जाने के चलते उनके सामने जीविका का संकट पैदा हो गया है। यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। मुंबई  पुलिस की सायबर सेल ने हमारे खिलाफ जुलाई 2019 में आपाराधिक मामला दर्ज किया था। पुलिस ने यह मामला हमारे द्वारा बनाए गए एक वीडियों के आधार पर दर्ज किया था। पुलिस के मुताबिक हमारा यह वीडियों कानून व्यवस्था के लिए ठीक नहीं था। यह सामाजिक सौहार्द को बिगड़ाने वाला है। पुलिस ने यह वीडियों अपने पास सुरक्षित रख लिया है। हाईकोर्ट ने हमे जमानत पर रिहा किया है। हमने इस वीडियों को लेकर माफी भी मांगी है और वीडियों हटा दिया है। इस स्थिति में टिकटॉक अकाउंट को ब्लाक करने का कोई औचित्य नहीं है। 
 

तीनों युवाओं पर झारखंड में तबरेज अंसारी नामक युवक की भीड द्वारा की गई  हिंसा में मौत को लेकर इन तीनों युवाओं ने टिकटॉक  पर एक आपत्तिजनक वीडियों शेयर किया था। इनके नाम मुदसिर शेख, हसनैन खान व सधन फारुखी है। पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और इनके टिकटॉक अकाउंट को ब्लाक किया है। 

न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी की खंडपीठ के सामने इन युवाओं की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील के.वी. सस्ते ने कहा कि मामले से जुड़े जांच अधिकारी आज कोर्ट में उपस्थित नहीं हैं। इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले में पुलिस अधिकारी को आखरी मौका दे रहे हैं। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के दौरान संबंधित अधिकारी को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा। और मामले की सुनवाई 3 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।   
 

Created On :   25 Feb 2020 9:04 PM IST

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