लॉकडाउन इफेक्ट : एमबीए की छात्रा बेच रही वड़ा पाव, मैनेजर बेच रहा समोसा

Lockdown effect: MBA student selling Vada Pav, manager selling Samosa
लॉकडाउन इफेक्ट : एमबीए की छात्रा बेच रही वड़ा पाव, मैनेजर बेच रहा समोसा
लॉकडाउन इफेक्ट : एमबीए की छात्रा बेच रही वड़ा पाव, मैनेजर बेच रहा समोसा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन में ढील के बाद भले ही शहर की रौनक धीरे-धीरे लौटने लगी है, पर तमाम परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट अब भी बरकरार है। कोविड-19 ने अच्छे-अच्छे कारोबार पर ताला लगवा दिया तो चलती-फिरती घर-गृहस्थी को पाई-पाई के लिए मोहताज कर दिया। हालात बिगड़ने लगे तो जिसको जो मिला, वही काम कर गुजारा करने लगा। एम्प्रेस मॉल स्थित एक कंपनी में बतौर मैनेजर तैनात युवा के सामने संकट आया तो उसने समोसे बेचकर गुजारा करना मुनासिब समझा। इसी तरह, एमबीए की पढ़ाई कर रही युवती के पिता बेरोजगार हो गए तो घर चलाने के लिए वड़ा पाव बेचने लगी। डीजे का काम करने वाला युवक सड़क किनारे फल बेचने को मजबूर हो गया।

राजेश मौंदिकर ने कहा कि मैं इम्प्रेस मॉल स्थित एक कंपनी में मैनेजर के पद पर काम करता था। लाॅकडाउन के दौरान मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है। मेरे परिवार के 6 सदस्यों की जिम्मेदारी मुझ पर है। अब मैं समोसे बनाकर बेचता हूं। इसी से होने वाली आय से परिवार का भरण-पोषण कर रहा हूं।

काजल शिंदे ने कहा कि मेरा डीजे का काम है। फिलहाल कोई काम नहीं मिल रहा है। लॉकडाउन में सबकुछ बंद है। पिछले तीन माह से हमलोग परेशान हैं। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था। दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही थी। ऐसे में कोई विकल्प नहीं था। इसलिए फल की दुकान लगा ली। मेरे पिता ऑटो चालक हैं। लाॅकडाउन में ऑटो का संचालन बंद हो गया। अब ढील दी गई तो सवारी की संख्या तक तय कर दी गई है। किराया भी तय है। ऐसे में पहले जैसा काम नहीं रहा। परिवार में 8 सदस्य हैं। इससे अब गुजारा नहीं हो रहा है। मैं एमबीए कर रही थी, स्थिति ऐसी बिगड़ चुकी है कि परिवार को आर्थिक मदद के लिए मैं वड़ा पाव बेच रही हूं।

Created On :   22 Jun 2020 9:24 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story