लॉकडाउन : 17 मई के बाद मिल सकती है थोड़ी ढील, अस्थाई पेरोल पर छोड़े जाएंगे 17 हजार कैदी

Lockdown: May be little relaxation after May 17th, prisoners will be released on temporary parole
लॉकडाउन : 17 मई के बाद मिल सकती है थोड़ी ढील, अस्थाई पेरोल पर छोड़े जाएंगे 17 हजार कैदी
लॉकडाउन : 17 मई के बाद मिल सकती है थोड़ी ढील, अस्थाई पेरोल पर छोड़े जाएंगे 17 हजार कैदी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में 17 मई के बाद लॉकडाउन को थोड़ी ढील दी जायेगी।  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि आगामी समय में लॉकडाउन शिथिल करते समय किसी भी परिस्थिति में जिले की सीमा को पूरी तरह से नहीं खोला जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय आयुक्त और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। मुख्यमंत्री ने 17 मई के बाद लॉकडाउन को लेकर सभी जिलों के जिलाधिकारियों से सुझाव मांगा है। उन्होंने कहा कि राज्य में 17 मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति कैसी होनी चाहिए इस बारे में ध्यान से प्रारूप तैयार करके हर जिला अपने सुझाव और अपेक्षा बताए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में केंटेनमेंट जोन के बाहर कोरोना का प्रसार न होने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून आने वाला है। ऐसे में महामारी और अन्य बीमारी फैलती है। कोरोना संकट का मुकाबला करते समय इन रोगों से भी लड़ना पड़ेगा। इसलिए सभी जिलों में विशेष रूप से निजी डॉक्टरों से नियमित सेवा शुरू करने के लिए कहा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली से मुंबई के बीच ट्रेन सेवाएं शुरू हो रही हैं। लेकिन एक्सप्रेस ट्रेन से कौन से यात्री आने वाले हैं। इसकी सभी जानकारी महाराष्ट्र को पहले ही मिल जानी चाहिए। इससे उचित तरीके से ध्यान रखा जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग विभाग द्वारा राज्य के सभी उद्योगों में कितने प्रवासी मजदूर काम कर रहे थे और उसमें से कितने वापस लौटे हैं इसकी समीक्षा की जाए।

अस्थाई पेरोल पर छोड़े जाएंगे 17 हजार कैदी

राज्य की जेलों में बंद 17 हजार कैदियों को अस्थाई पेरोल पर छोड़ा जाएगा। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्यभर की जेलों में करीब 35 हजार कैदी हैं जिनमें कम गंभीर अपराधों के सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों को पेरोल पर रिहा करने का फैसला किया गया है। आर्थर रोड जेल में 185 कैदियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। देशमुख ने बताया कि जिन 17 हजार कैदियों को अस्थाई पेरोल देने का फैसला किया गया है उनमें से पांच हजार विचाराधीन कैदी हैं जबकि तीन हजार ऐसे कैदी हैं जिन्हें सात साल से कम सजा हुई है। सात साल से ज्यादा सजा पाने वाले भी नौ हजार कैदियों को भी पैरोल पर रिहा करने का फैसला किया गया है। उन्होंने साफ किया कि गंभीर मामलों में दोषी पाए गए कैदियों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी।  बलात्कार, बैंक या गंभीर आर्थिक घोटाले करने वालों, मकोका, टाडा और एमपीआईडी जैसे कानूनों के तहत दोषी ठहराए गए लोगों को भी पेरोल नहीं दिया जाएगा। देशमुख ने कहा कि करीब 50 फ़ीसदी कैदियों को पेरोल मिलने के बाद जेलों में भीड़भाड़ कम होगी और वहां भी सोशल डिस्टनसिंग का पालन किया जा सकेगा जिससे जेलों के भीतर कोरोना संक्रमण   फैलने से रोकने में मदद मिलेगी। बता दें कि राज्य की कई जिलों में क्षमता से कई गुना अधिक कैदी भरे हुए हैं।  800 कैदियों की क्षमता वाली मुंबई की आर्थर रोड जेल में फिलहाल करीब 2800 कैदी बंद हैं।  कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य की आठ जेलों में पहले ही लॉक डाउन किया जा चुका है। इसके बावजूद मुंबई के आर्थर रोड जेल में 159 कैदी व 26 जेल कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 

Created On :   12 May 2020 10:15 PM IST

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