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लोकसभा चुनाव-2019 : अब सियासी दलों को देना होगा क्रिमिनल उम्मीदवारों के कारनामों का विज्ञापन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में इस पर कड़ाई से अमल करेगा। केंद्रीय चुनाव आयोग के सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र भेज कर इस बारे में दिशा निर्देश दिया है। अब अपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवारों को सिर्फ शपथ पत्र देने से काम नहीं चलेगा। उन्हें अपने आपराधिक रिकार्ड और सजा आदि का विवरण अपने इलाके के सर्वाधिक प्रसार संख्या वाले अखबारों में विज्ञापन के रुप में कम से कम तीन बार छपवाना होगा साथ ही टीवी चैनलों पर भी यह घोषणा करानी पड़ेगी।
राज्य के उप मुख्य चुनाव अधिकारी अनिल वलवी ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि इस बार लोकसभा चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकार्ड की जानकारी देने के लिए व्यापक प्रसार वाले प्रमुख अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराना होगा। उम्मीदवार के विरुद्ध लंबित आपराधिक मामलों की सूचना का ब्यौरा बड़े अक्षरों यानि 12 के फांट में छपवाना होगा। राजनीतिक दलों के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों को अपनी पार्टी को भी अपने आपराधिक मामलों की सूचना देनी होगी और राजनीतिक दलों को अपने दागी उम्मीदवारों के बारे में अखबारों में सूचना प्रकाशित करानी पड़ेगी।
उम्मीदवारों को इलेक्ट्रानिक मीडिया में भी अपने आपराधिक मामलों की जानकारी व्यापक रुप से करनी होगी। चुनाव प्रचार के दौरान अलग-अलग तारीखों को टीवी चैनलों पर उपर्युक्त घोषणा प्रसारित कराना होगा। ऐसे लोगों को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों को भी ऐसे करना होगा। अखबारों-इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ-साथ उन्हें अपनी वेबसाईट पर भी अपने आपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवारों के कारनामों को ब्यौरा देना होगा और इसकी जानकारी चुनाव संपन्न होने के 30 दिनों के भीतर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को देना अनिवार्य होगा। उम्मीदवारों को जिला निर्वाचन अधिकारी के यहां अपने चुनाव खर्च के साथ उन समाचार पत्रों की प्रतियां जमा करनी होगी, जिनमें इस संबध में घोषणा (विज्ञापन) प्रकाशित की गई थी।
सभी दलों के पास दागी उम्मीदवार
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने वाले 833 उम्मीदवारों में से 285 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें से 20 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे जबकि 12 फीसदी के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले थे। इनमें भाजपा के 54 फीसदी, राकांपा के 65 फीसदी, कांग्रेस के 46 फीसदी, शिवसेना व मनसे के 80 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे।
Created On :   26 Dec 2018 4:12 PM GMT