सीएम फडणवीस ने साफ कहा- लिख लो, लोकसभा के साथ नहीं होगा विधानसभा चुनाव, कैबिनेट बैठक में कई फैसलों की उम्मीद

Lok Sabha will not accompany with Assembly elections - CM
सीएम फडणवीस ने साफ कहा- लिख लो, लोकसभा के साथ नहीं होगा विधानसभा चुनाव, कैबिनेट बैठक में कई फैसलों की उम्मीद
सीएम फडणवीस ने साफ कहा- लिख लो, लोकसभा के साथ नहीं होगा विधानसभा चुनाव, कैबिनेट बैठक में कई फैसलों की उम्मीद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव की संभावना को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खारिज किया है। संवाद माध्यम के सवाल पर उन्होंने दो टूक कहा है कि महाराष्ट्र में दोनों चुनाव साथ नहीं होंगे, लिख लो। मुख्यमंत्री दो दिन से शहर में विविध विकास कार्यों के भूमिपूजन व उद्घाटन कार्यक्रमों में व्यस्त है। कुछ दिनों से राजनीतिक तौर पर चर्चा चल रही है कि लोकसभा व विधानसभा के चुनाव साथ कराए जा सकते हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत ही राज्य सरकार विविध विकास कार्यों का फीता काट रही है। गुरुवार को यह चर्चा और भी जोरों से चलने लगी। चुनाव तैयारी को लेकर दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक होनेवाली है। उसमें केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के अलावा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित रहेंगे। लोकसभा व विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन कायम रखनेवाली शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मुख्यमंत्री मुलाकात करनेवाले है। लिहाजा कहा जा रहा था कि दोनों चुनाव साथ कराने की ओर भाजपा ने कदम बढ़ाया है। दिल्ली व मुंबई में होनेवाली बैठक निर्णायक होगी। महाराष्ट्र के साथ ही हरियाणा में समय पूर्व विधानसभा चुनाव कराने की चर्चा चल रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि महाराष्ट्र में लोकसभा व विधानसभा 

कांग्रेस ने जतायी थी संभावना

महाराष्ट्र में 2014 में लोकसभा चुनाव के 6 माह बाद विधानसभा चुनाव हुआ था। तब भाजपा की स्थिति अपने बल पर सत्ता में आने की नहीं थी। फिर भी भाजपा ने पुरानी सहयोगी शिवसेना से दूर रहकर अकेले चुनाव लड़ा था। 288 में से 122 सीटों पर जीत पाकर भाजपा राज्य में सबसे पार्टी रही थी। 63 सीटें जीतनेवाली शिवसेना पहले माह जो प्रमुख विपक्ष की भूमिका में थी। लेकिन बाद में वह सत्ता में शामिल हो गई। उस दौरान कांग्रेस की सहयोगी राकांपा ने भी भाजपा को साथ देने की तैयारी जतायी थी। हालांकि शिवसेना साथ आने से भाजपा ने राकांपा का साथ नहीं लिया। लेकिन पूरे 4 साल तक भाजपा व शिवसेना के बीच तल्ख संबंध रहे है। ऐसे में कई बार चर्चाएं सुनी जाती रही है कि राज्य में विधानसभा चुनाव कभी भी हो सकता है। लेकिन सरकार कायम है। मुख्यमंत्री फडणवीस राज्य में 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करनेवाले दूसरे मुख्यमंत्री साबित होने जा  रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने अंतरिम बजट अधिवेशन के समय कहा था कि राज्य में 28 फरवरी को अधिवेशन समाप्त होने के बाद सरकार की ओर से चुनाव मैदान में जाने की घोषणा की जा सकती है। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने भी ऐसी ही संभावना जतायी थी। इस बीच भाजपा व शिवसेना के विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में खर्च के लिए 10 करोड की विशेष विकास निधि मिली। लिहाजा चर्चा को और भी बल मिला था। वैसे विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक सभी दलों के नेता अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव तैयारी में जुट गए है। लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत भाजपा की आेर से राज्य में विधानसभा क्षेत्र स्तर पर संगठनात्मक कार्यों की समीक्षा के साथ ही राजनीतिक स्थिति की समीक्षा की गई है। 

चुनाव के एलान से पहले कैबिनेट बैठक में 50 से अधिक फैसले होने की उम्मीद

उधर मुंबई में फडणवीस सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले इस सप्ताह दूसरी बार कैबिनेट की बैठक करने का निर्णय लिया है। लोकसभा चुनाव की घोषणा अब किसी भी समय होने की संभावना है। कैबिनेट की बैठक आमतौर पर सप्ताह में एक बार होती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार शुक्रवार दोपहर में एक और बैठक निर्धारित की गई है जिसमें कैबिनेट के सभी मंत्रियों के उपस्थित होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में 50 से अधिक फैसले होने वाले हैं। एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिये जाने की संभावना है। इससे पहले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कोराडी थर्मल पावर स्टेशन में 660 मेगावाट की कोयला आधारित दो इकाइयों के लिए सरकार द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दिए जाने सहित कई प्रमुख निर्णय लिये गये थे।

विधानसभा भंग होने की चर्चा

शुक्रवार को फिर से राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाए जाने को लेकर राजधानी में विधानसभा भंग कर लोकसभा चुनाव के साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कराए जाने की सिफारिश किए जाने की चर्चा रही। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट मंजूरी से ऐसा कर सकती है। हम इस फैसले का स्वागत करेंगे। हम लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा होगा यदि 6 माह पहले इस जनविरोधी सरकार से राज्य के लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। हालांकि शाम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में इस तरह की खबरों का खंडन कर दिया।  

मुंबई में प्रतिभूति एसएटी में तकनीकी सदस्य का पद सृजित करने को केन्द्र की मंजूरी

इसके अलावा दिल्ली में केन्द्र सरकार ने मुंबई में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) में तकनीकी सदस्य का पद सृजित करने की मंजूरी दे दी है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। केन्द्र सरकार के मुताबिक तकनीकी सदस्य का पद सृजित होने से एसएटी में एक अतिरिक्त पीठ का गठन किया जा सकेगा। इससे भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड, भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (इरडा) तथा पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण की ओर से एसएटी के समक्ष बड़ी संख्या में आने वाली अपीलों का त्वरीत निबटान संभव हो सकेगा। इसका फायदा पेंशन भोगियों, निवेशकों और आम लोगों को मिलेगा। इस पद के लिए वेतन 2,25,000 रुपये (निर्धारित) अथवा सातवें वेतन आयोग के पे-मैट्रिक्स के लेवल 17 के अनुसार होगा। 
 

Created On :   7 March 2019 7:24 PM IST

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