महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: घोषणापत्रों में नहीं गांधीजी की छाप

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: घोषणापत्रों में नहीं गांधीजी की छाप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने अपने-अपने घोषणापत्र जारी कर लोकलुभावन वादे किए हैं, सवाल यह है कि महात्मा गांधी की डेढ़ सौवीं जयंती मनाने वाले देश में चुनाव में गांधी की कुछ प्रासंगिकता है भी या नहीं? गांधीजी ने एक बीज-मंत्र दिया था- उन्होंने कहा था, उठाए जाने वाले किसी भी कदम के औचित्य और सार्थकता को इस बात से तौला जाना चाहिए कि कतार में खड़े आखिरी आदमी का इस कदम से कुछ हित हो रहा है या अहित? हैरानी की बात है कि गांधी की सार्धशती के मौके पर भी हमारे राजनीतिक दलों को गांधी के इस बीज मंत्र को याद करने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई। क्या यह सही नहीं है कि 1980 में जब भाजपा का गठन हुआ था तो पार्टी ने गांधीवादी समाजवाद की बात कही थी? आखिर क्यों भुला दिया भाजपा ने गांधी को? भाजपा के हिंदू राष्ट्रवादी अवतार में गांधी की सोच के लिए कोई स्थान है क्या? या सिर्फ स्वच्छता तक ही सीमित है भाजपा का गांधी? गांधी राजनीतिक शुचिता के प्रतीक थे और आज समूची राजनीति और सभी राजनीतिक दलों को इस शुचिता की आवश्यकता है। गांधी की डेढ़ सौवीं जयंती के वर्ष में होने वाले चुनाव एक मौका है राष्ट्रपिता को ईमानदारी से याद करने का। दुर्भाग्य से हमारी राजनीति के कर्णधार इस `ईमानदारी के पचड़े" में नहीं पड़ना चाहते। 

घोषणापत्र औपचारिकता या खानापूर्ति

राजनीतिक दल घोषणापत्र को मात्र औपचारिकता या खानापूर्ति ही मानते हैं। घोषणाओं के प्रति राजनीतिक दलों का यह रुख पिछले सत्तर वर्षों में हमारी समूची राजनीति में आए बदलाव (पढ़िए घटियापन) का ही एक उदाहरण है। घोषणापत्र में भले ही कुछ भी लिखा जाता हो, चुनाव-प्रचार में हमारे राजनीतिक दल वही सब कहते हैं जिससे मतदाता को रिझाया-बरगलाया जा सके। यह मात्र संयोग नहीं है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बात कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने की कर रहा है। पूछा जाना चाहिए कि महाराष्ट्र में बेरोज़गारी, किसानों की बुरी हालत आदि से धारा 370 का क्या रिश्ता है? क्या महाराष्ट्र के निर्वाचित विधायक कश्मीर के हालात या अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के लिए ज़िम्मेदार माने जाने चाहिए?  सावरकर को भारत-रत्न दिलाए जाने का आश्वासन दिए जा रहे हैं।

Created On :   17 Oct 2019 2:42 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story