महाराष्ट्र सरकार राशन कार्ड धारकों के खाते में डीबीटी करने की योजना बंद करें

Maharashtra government stop the scheme of doing dbt in the account of ration card holders
महाराष्ट्र सरकार राशन कार्ड धारकों के खाते में डीबीटी करने की योजना बंद करें
महाराष्ट्र राशन शॉप ओनर्स का दिल्ली में धरना महाराष्ट्र सरकार राशन कार्ड धारकों के खाते में डीबीटी करने की योजना बंद करें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. देश भर के राशन डीलरों ने ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के बैनर तले पुरानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत खाद्यान्न की आपूर्ति पहले की तरह शुरु रखने, राशन डीलर को दिए जा रहे कमीशन में बढोतरी सहित विभिन्न मांगों को सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए बुधवार को जंतर-मंतर अपनी आवाज बुलंद की। इसमें महाराष्ट्र के सैकड़ों राशन डीलर शामिल हुए।

महाराष्ट्र स्टेट सस्ता अनाज शॉप ओनर के महासचिव चंद्रकांत यादव ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 5 किलो खाद्यान्न देने की योजना जारी थी, जिसे सरकार ने जनवरी 2023 से बंद कर दिया है। इसके बदले सरकार ने अब विदर्भ और मराठवाडा के आत्महत्या ग्रस्त 14 जिलों के गरीब परिवारों को खाद्यान्न के बजाय उनके खाते में 150 रुपये डीबीटी करने की योजना शुरू की है। यादव ने आरोप लगाया है कि ऐसा करके सरकार की राशन की सभी दुकानें धीरे-धीरे बंद करने की मंशा है। इसका विरोध दर्शाने के लिए राज्य से सैकड़ों की संख्या में दिल्ली में आयोजित संसद घेराव में शामिल हुए है।

ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने अपनी 11 मांगों का एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा। इन मांगों में 50,000 रुपये की न्यूनतम मासिक आय गारंटी मानदेय के रूप में सुनिश्चित किया जाए, पुरानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्यान्न योजना शुरू रखी जाए, चावल, गेहूं और चीनी की हैंडलिंग और खाद्य तेल और दालों की उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए सभी राज्यों को सभी देय मार्जिन को जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए, जूट के बोरों में खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ग्रामीण क्षेत्रों के उचित मूल्य दुकान डीलरों को चावल और गेहूं के लिए प्रत्यक्ष खरीद एजेंट (डीपीए) के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाए। मांग में यह भी शामिल है कि पूरे देश में मुफ्त वितरण का पश्चिम बंगाल राशन मॉडल लागू किया जाए। कोरोना पीडित डीलरों को मुआवजे का भुगतान राजस्थान सरकार द्वारा प्रदान किए गए 50 लाख रुपये के अनुसार किया जाए।
 

Created On :   22 March 2023 7:38 PM IST

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