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बकाया राशि पर मिलेगी ब्याज से मुक्ति, दिवालिया इकाई भी होगी पात्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने बंद उद्योगों में जान फूंकने के लिए विशेष अभय योजना की घोषणा की है। इसके तहत राज्य में पुनर्जीवित करने में असमर्थ और बंद उद्योग इकाई के अपने सरकारी बकाया राशि का मूलधन एकमुश्त भरने पर उन्हें ब्याज और दंड की राशि माफ कर दी जाएगी। संबंधित उद्योग इकाई की अचल संपत्तियों को अन्य उद्योग इकाइयों को हस्तांतरित करने की अनुमति होगी। प्रदेश के उद्योग विभाग के अनुसार इसके बाद नए प्रबंधन को उसी जगह पर तीन साल के भीतर उत्पादन इकाई शुरू करना होगा।
कंपनी को उद्योग इकाई के उत्पादन में बदलाव की छूट रहेगी। इन जगहों पर आईटी, बीटी और थीम पार्क जैसे सेवा उद्योग शुरू किए जा सकेंगे। राज्य के उद्योग विभाग के अनुसार 1 अप्रैल 2019 से पहले बंद और हस्तांतरित हुए लेकिन उत्पादन शुरू न कर सकने वाले उद्योगिक इकाइयों पर यदि सरकार के किसी विभागों की ओर से वसूली की कार्यवाही सुरू है तो ऐसी इकाइयों की ओर से सरकारी बकाया की मूल राशि एकमुश्त भरने पर उन्हें विशेष योजना का लाभ मिल सकेगा।
एक साल से अधिक समय से बंद अथवा अदालत की ओर से दिवालिया घोषित उद्योग इकाई योजना के लिए पात्र होंगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों के अनुसार जो इकाइयां पुनर्जीवित करने की स्थिति में नहीं है और यूनिट प्रबंधन बदलने के बाद चलाई जा सकती है, ऐसी उद्योग इकाइयों को भी विशेष अभय योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना की अवधि राज्य के नई औद्योगिक नीति 2019 के समय सीमा तक लागू रहेगी।
विशेष अभय योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी लेखाकार की ओर से उद्योग इकाई के बीमार होने संबंधी प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इसके बाद उद्योग इकाई को संबंधित विभाग प्रमुख अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। यदि आवेदन को मंजूर नहीं किया गया तो वरिष्ठ अधिकारियों के पास 30 दिनों के भीतर अपील की जा सकेगी। यह योजना सरकारी कंपनी, अर्धसरकारी महामंडल के पास बकायादार इकाइयों के लिए भी लागू रहेगी।
Created On :   23 Aug 2021 9:40 PM IST