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मेडिकल प्रवेश को लेकर महाराष्ट्र सरकार का फैसला सही : HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 10 वीं और 12 वीं कक्षा महाराष्ट्र से उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता व डोमिसालइल (अधिवास प्रमाणपत्र) से जुड़े नियमों को संवैधानिक व सही ठहराया है। हाईकोर्ट ने साफ किया कि राज्य के व्यापक हित तथा यहां के विद्यार्थियों की प्रतिभा के संरक्षण के लिए सरकार ऐसा नियम बना सकती है। सरकार के इस नियम के खिलाफ कई विद्यार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में सरकार के नियमों को मनमानी संविधान के विपरीत बताया था। याचिका में दावा किया गया था कि जो बच्चे यहां से दसवीं व 12 वीं पास नहीं हैं, उन्हें राज्य कोटे से एडमिशन लेने से वंचित नहीं किया जा सकता।
अदालत में याचिका दायर करने वाले कुछ बच्चे यहां से 12 वीं पास थे और उनके पास अधिवास प्रमाणपत्र भी था, लेकिन उन्होंने दसवीं की परीक्षा महाराष्ट्र से पास नहीं की है। जबकि कुछ दसवीं पास थे, लेकिन 12 वीं की परीक्षा महाराष्ट्र से पास नहीं की थी। सरकार ने अपने नियमो में स्पष्ट किया है कि जो बच्चे महाराष्ट्र से दसवीं व 12 वीं परीक्षा पास होंगे और जिनके पास अधिवास प्रमाणपत्र होगा वहीं बच्चे राज्य कोटे से एडमिशन के लिए पात्र होंगे। 85 प्रतिशत है कोटा।
जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि सरकार का नियम संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ नहीं है। राज्य के हित के संरक्षण के लिए संवैधानिक दायरे में यह नियम बनाया गया है। जो सरकार के व्यापक हितों को पूरा करता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने भी इस विषय पर निर्णय दिया है। हम इन निर्णयों के विपरित अपनी राय नहीं बना सकते।
इस बीच बेंच ने कहा कि मेडिकल एडमिशन से जुड़े विभाग के अधिकारियों के बीच यदि समन्वय नहीं है तो इसके लिए विद्यार्थियों को नहीं सताया जा सकता है। इन विभागों में आपसी तालमेल व सहयोग न होने के चलते विद्यार्थियों को परेशान होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है। प्रवेश को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए बेंच ने मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय के रुख पर नाराजगी भी जाहिर की। इसके साथ ही मेडिकल शिक्षा से जुड़े सचिव को प्रवेश से जुड़ी प्रक्रिया पर निगरानी रखने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही बेंच ने अपने फैसले पर रोक लगाने से भी इंकार कर दिया।
नागपुर बेंच से मिली राहत बरकरार नहीं
गौरतलब है कि इससे पहले हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने इस मामले को लेकर एक अंतरिम आदेश दिया था। जिसके चलते 30 बच्चों को महाराष्ट्र में दाखिला मिला था। ये बच्चे सरकार के नियम के तहत पात्र नहीं थे। लेकिन हाईकोर्ट के ताजा फैसले के चलते अब इन बच्चों का दाखिला रद्द हो जाएगा।
Created On :   26 July 2018 7:07 PM IST