उद्योग मंत्री ने कहा - प्रवासी श्रमिकों के लिए महाराष्ट्र ही एकमात्र विकल्प, जल्द लौटेंगे

Maharashtra is the only option for migrant workers, will return soon - Desai
उद्योग मंत्री ने कहा - प्रवासी श्रमिकों के लिए महाराष्ट्र ही एकमात्र विकल्प, जल्द लौटेंगे
उद्योग मंत्री ने कहा - प्रवासी श्रमिकों के लिए महाराष्ट्र ही एकमात्र विकल्प, जल्द लौटेंगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि उद्योगों में काम करने के लिए प्रवासी मजदूरों के सामने महाराष्ट्र के अलावा कोई विकल्प नहीं है। शुक्रवार को देसाई ने प्रवासी मजदूरों के महाराष्ट्र वापस लौटने को लेकर उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि रोजगार की जरूरत सभी को है। महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों में ज्यादा उद्योग नहीं है। इसलिए जो प्रवासी मजदूर अपने खेतों में काम करने के लिए तैयार होंगे, वह अपने गांवों में रहेंगे, लेकिन उद्योग धंधों में काम करने के लिए इच्छुक प्रवासी मजदूर वापस महाराष्ट्र में लौंटेगे। 

देसाई ने कहा कि प्रवासी मजदूर हमेशा के लिए अपने गांव नहीं गए हैं। कई लोग अपने घरों में केवल ताला लगाकर गए हैं। प्रवासी मजदूरों ने अपने घरों को बेचा नहीं है। उनके घरों के अंदर उनके सामान अब भी पड़े हैं। वे लोग कुछ समय के लिए अपने गांव गए हैं। इसके बाद वह वापस आएंगे। देसाई ने कहा कि इमारत निर्माण क्षेत्र में कार्य कुशल मजदूर ही काम करते हैं, उन्हें निर्माण कार्य के बारे में बेहतर जानकारी होती है। इसलिए ठेकेदार ऐसे मजदूरों को लाए बिना नहीं रहेंगे। 

देसाई ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के जाने से कंपनियों में जहां पर जगह खाली हुई है, वहां राज्य के युवाओं को काम करने के लिए तैयार होना पड़ेगा। इसके लिए युवाओं को मानसिकता बदलने की जरूरत है। मेरी उद्योग के क्षेत्र के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देने वाले लोगों से अपील है कि वह राज्य के मराठी युवाओं की मानसिकता बदलने के लिए प्रयास करें। देसाई ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए औद्योगिक रोजगार ब्यूरो तैयार करने का फैसला किया है। इसका बेवपोर्टल जल्द शुरू हो जाएगा। 

रोजगार मांगने वाले बेरोजगारों को रोजगार ब्यूरो में पंजीयन किया जाएगा। इसके बाद उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे उद्योगों को मजदूरों के लिए निजी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। देसाई ने कहा कि गैर रेड जोन में 95245 उद्योगों ने उत्पादन शुरू किया है। इससे 13 लाख 86 हजार कर्मचारी काम पर लौटे हैं। उद्योग विभाग अब रेड जोन में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी हिस्सों में उद्योग शुरू करने पर विचार कर रहा है। फिलहाल मुंबई, पुणे, मालेगांव जैसे मनपा क्षेत्रों में अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी उद्योगों को शुरू करने की अनुमति नहीं है।  

एक लाख करोड़ रुपए का होगा निवेश 

देसाई ने कहा कि रायगड में माणगांव एमआईडीसी बनाने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। यह एमआईडीसी 12 हजार 140 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाई जाएगी। इस एमआईडीसी में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है। इस एमआईडीसी में उद्योग शुरू करने के लिए विदेश और देश की लगभग 10 कंपनियों ने सरकार से चर्चा की है। एमआईडीसी में फार्मा पार्क के लिए कई कंपनियां निवेश करने वाली हैं। देसाई ने कहा कि उद्योग विभाग और एमआईडीसी उद्योगों को आकर्षित करने के लिए नई योजना शुरू करता रहा है। विदेशी निवेशकों के लिए महाराष्ट्र आकर्षण का केंद्र है। विदेश से आने वाले कुल निवेश में 30 से 33 प्रतिशत निवेश महाराष्ट्र में आता है। 
 

Created On :   5 Jun 2020 8:31 PM IST

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