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मजदूरों की हड़ताल के बीच बिजली संकट के मुहाने पर महाराष्ट्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय मजदूर संगठनों की हड़ताल के बीच राज्य में बिजली संकट का खतरा पैदा हो गया है। सोमवार और मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल में कोयला मजदूर भी शामिल हैं जिससे कई संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति प्रभावित हुई है। भुसावल, नाशिक और कोराडी के बिजली संयंत्रों में कोयले का दो दिन का ही स्टॉक बाकी है। हालांकि अधिकारियों को भरोसा है कि हड़ताल खत्म होते ही स्थिति काबू में आ जाएगी। हड़ताल में बिजली केंद्रों को कोयले की आपूर्ति करने वाली वेस्टर्न कोल फील्ड की यूनियन भी शामिल है। कोयला खदान में काम करने वाले मजदूरों के साथ अन्य मजदूर भी हड़ताल में शामिल है। अगर दो दिन की हड़ताल के बाद मजदूर काम पर लौटे तब भी कोयले की आपूर्ति पूरी तरह बहाल होने में दो दिन का और समय लग सकता है। हालांकि ऊर्जा अधिकारियों का दावा है कि ज्यादा परेशानी की बात नहीं है, क्योंकि कोयला खदानों से निकल चुका है और बीच रास्ते में है ऐसे में इसे हड़ताल खत्म होने के बाद जल्द ही बिजली उत्पादन केंद्रों तक पहुंचाया जा सकता है।
कहां कितना स्टॉक बचा?
भुसावल, नाशिक और कोराडी के बिजली संयंत्रों में दो दिन का कोयला बचा हुआ है जबकि परली और पारस संयंत्रों के पास ढाई दिनों का कोयले का स्टॉक है। चंद्रपुर में 8 दिन तो खापरखेडा बिजली संयंत्र के पास 10 दिनों का कोयले स्टॉक बचा है।
बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं: राऊत
राज्य के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य बिजली मंडल की किसी भी कंपनी का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। बिजली कर्मचारियों की मांग को लेकर मंगलवार को मंत्रालय में बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील की। बिजली कंपनियों के अधिकारी, कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इस पृष्ठभूमि पर डॉ.राऊत ने सोमवार को नागपुर से 27 विभिन्न बिजली कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। उन्होंने विश्वास जताया कि चर्चा के माध्यम से बिजली कर्मचारियों की समस्याओं का निदान हुआ होगा और वे हड़ताल वापस ले लेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं। खेतों में किसानों की फसल खड़ी हुई है, गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। ऐसे में उन्होंने कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वे किसी भी बातचीत के लिए तैयार है। मंगलवार को मंत्रालय में बैठक बुलाई गई है।
सरकार लगा चुकी है मेस्मा
रविवार को सरकार ने बिजली कंपनियों की हड़ताल को देखते हुए महाराष्ट्र अत्यावश्यक सेवा कानून (मेस्मा) लागू कर दिया था। इस फैसले से महावितरण, महानिर्मिती और महापारेषण कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से रोक लगा दी गई थी।
Created On :   28 March 2022 9:29 PM IST