पारिवारिक विवाद में बच्चों को गवाह बनाना गलत : हाईकोर्ट

Making a child witness in the family dispute is wrong: High Court
पारिवारिक विवाद में बच्चों को गवाह बनाना गलत : हाईकोर्ट
पारिवारिक विवाद में बच्चों को गवाह बनाना गलत : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया है कि पति-पत्नी के विवाद में बच्चे को गवाही के लिए बुलाने से उनके मन पर मानसिक व भावनात्मक आघात लगता है। हाईकोर्ट ने यह बात पुणे निवासी एक व्यक्ति की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कही। आवेदन में इस व्यक्ति ने पत्नी के खिलाफ गवाही देने के लिए 8 साल की लड़की को बुलाने का अनुरोध किया था। ताकि वह यह साबित कर सके की उसकी पत्नी ने उसके साथ 2012 में क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया था। 

इस मामले में न्यायमूर्ति शालिनी फणसालकर जोशी ने कहा कि इस तरह से बच्ची को अपनी ही मां के खिलाफ गवाही के लिए बुलाने से सबसे ज्यादा नुकसान बच्ची का है। इस बात को अभिभावकों को समझना चाहिए। वे बच्चे का इस्तेमाल शतरंज के प्यादे की तरह न करें।

 
क्या है मामला

2012 में एक शख्स ने अपनी पत्नी के खिलाफ पुणे की पारिवारिक अदालत में तलाक के लिए आवेदन दायर किया था। आवेदन में पति ने पत्नी पर क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया था। पारिवारिक अदालत में पति ने आवेदन दायर कर कहा था कि उसे इस मामले में अपनी बेटी को गवाह के रुप में बुलाने की अनुमति दी जाए। ताकि वह अपनी पत्नी की क्रूरता को साबित कर सके। आवेदन में पति ने कहा था कि एक बार उसकी पत्नी ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उस समय घर में बेटी मौजूद थी।पारिवारिक अदालत ने पति के इस आवेदन को खारिज कर दिया था। पति ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी है।

बच्चे होते हैं तीसरे पक्षकार

सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति ने कहा पति-पत्नी के झगड़े में सिर्फ दो ही पक्षकार होते हैं ऐसी धारणा गलत है। इस तरह के मामले में बच्चा तीसरा पक्षकार होता है। यह अदालत की जिम्मेदारी है कि वह देखे की ऐसे प्रकरणों में इस तीसरे पक्षकार के हित का संरक्षण हो व उसका कल्याण प्रभावित न हो। इस प्रकरण में तो बच्ची पिता के साथ तीन साल से रह रही है। ऐसे में दूसरा पक्ष बेटी को निष्पक्ष गवाह नहीं मानेगा। हम नहीं चाहते कि बच्ची को अपने एक अभिभावक के खिलाफ गवाही देकर मानसिक व भावनात्मक आघात का सामना करना पड़े इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।

Created On :   24 Oct 2017 5:24 AM GMT

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