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मालेगांव बम विस्फोट मामला : कोरोना के चलते कोर्ट में पेश नहीं हो सकी सांसद प्रज्ञा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने गुरुवार को कहा कि साल 2008 के मालेगांव बम धमाका मामले की सुनवाई शुक्रवार से शुरु होगी जबकि 19 दिसंबर 2020 को प्रकरण से जुड़े सभी आरोपियों को अदालत में हाजिर रहने का निर्देश दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने विस्फोट मामले की आरोपी व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सात आरोपियों को न्यायालय में गुरुवार को उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद साध्वी सहित चार आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए है। प्रज्ञा सिंह के वकील ने दावा किया कि कोरोना महामारी के चलते वे आज अदालत नहीं पहुंच सकी।
न्यायाधीश पीआर सितरे के सामने सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के वकील प्रशांत मंगु ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते उनकी मुवक्किल अदालत में नहीं पहुंच पायी हैं। क्योंकि कोर्ट की ओर से मेरे मुवक्किल को अदालत में पहुंचने के लिए काफी कम समय दिया गया था। जिसके चलते आने के लिए परिवहन की व्यवस्था नहीं हो सकी।
इस बीच कोर्ट में एक गवाह उपस्थित हुआ। जिसने मामले का पंचनामा तैयार किया था। बचाव पक्ष के वकीलों ने इस गवाह से जिरह नहीं की थी। चूंकि गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। इसलिए गवाह ने यहां ठहरने की व्यवस्था न होने के चलते रुकने में असमर्थता जताई। इसे देखते हुए साध्वी के वकील ने न्यायधीश को दो हजार रुपए दिए। जिसे न्यायाधीश ने गवाह को दे दिए और मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। 19 दिसंबर को सभी आरोपियों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया। गुरुवार को अदालत में आरोपी समीर कुलकर्णी, कर्नल प्रसाद पुरोहित व अजय रहीरकर कोर्ट में उपस्थित थे।
हाईकोर्ट ने मांगी मुकदमे की जानकारी
इससे पहले बांबे हाईकोर्ट में भी मालेगांव बम धमाके मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि हमने धमाके की सुनवाई पर रोक नहीं लगाई है इसलिए मुकदमे की सुनवाई जारी रहनी चाहिए। और अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में मुकदमे की स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि अब तक इस मामले के 400 में से सिर्फ 140 गवाहों की गवाही हुई है। हाईकोर्ट में पुरोहित की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में पुरोहित ने दावा किया है कि उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए नियमानुसार मंजूरी नहीं ली गई है। इसलिए उसके खिलाफ दर्ज किए गए मामले को रद्द कर दिया जाए। चूंकि आज पुरोहित की ओर से पैरवी करनेवाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी उपलब्ध नहीं थे। इसलिए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   3 Dec 2020 7:37 PM IST